Gantantra Ke Tote By Dharampal Mahendra Jain
गणतंत्र के तोते द्वारा : धर्मपाल महेंद्र जैन विधा : व्यंग्य रचना संग्रह किताबगंज प्रकाशन द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण: २०२३ मूल्य : २५० धर्मपाल जी की प्रस्तुत पुस्तक “गणतंत्र के तोते” जिसमें 50 के लगभग चुभती हुई व्यंग्य रचनाएं सँजोई गई हैं , और ये सभी रचनाएं वरिष्ठ व्यंग्यलेखक ,व्यंग्यलेखन की एक विशिष्ट शैली के पुरोधा महेंद्र जैन जी, जो अपने व्यंग्य के माध्यम से कहीं भी अव्यवस्था, कुप्रथा एवम सत्ताधीशों के सुकृत्यों एवं सदाचरण (?) को बक्शते नहीं हैं , की चुनिंदा रचनाएं कही जा सकती हैं हालांकि लेखक द्वारा ऐसा कोई दावा प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस संग्रह की अमूमन प्रत्येक रचना आकार में बहुत बड़ी तो नहीं है किंतु अपने अपेक्षाकृत संक्षिप्त रूप में भी, घाव करे गंभीर वाली उक्ति को चरितार्थ अवश्य करती है। महेंद्र जी यूं तो अपनी बात खरी खरी कहने में ही यकीन रखते हैं किन्तु फिर भी बहुतेरे व्यंग्य कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना भी हैं। सर्वप्रथम बात शीर्षक “गणतंत्र के तोते “ की, जो जहां एक ओर ध...