ROTI MAN BY BHARAT GADHVI
रोटी मेन
(उपन्यास)
द्वारा :
भरत गढ्वी
प्रथम
संस्करण : 2025
FLYFREAMS द्वारा प्रकाशित
मूल्य :
199.00
पाठकीय
प्रतिक्रिया क्रमांक : 175
युवा
मित्र भरत गढ़वी जी की पुस्तक "रोटी मैन", उस पर अपनी प्रतिक्रिया लिखने के अनुरोध
के संग प्राप्त हुई थी। पूर्व में भी उनकी तीन पुस्तकों पर मैंने अपनी प्रतिक्रिया
से आप सभी को अवगत करवाया था।
यह युवा लेखक गढ़वी जी की चौथी कृति है, जहां भिन्न विषय है जो आवरण पृष्ठ एवम परिचय से कुछ कुछ स्पाइडर मैन की थीम को फॉलो करता हुआ प्रतीत होता है।
रोटी मेन ,
एक नेकदिल युवा की कहानी है जो मुंबई आता तो हीरो बनने है किंतु यू
ट्यूबर बन कर रह जाता है और कुछ छोटे मोटे रोल्स प्ले
वगैरह में कर अपना जीवन बसर करने का साधन बना लेता है। उपन्यास की शुरुआत है जब
वह यू ट्यूब पर डाले गए एक कंटेंट के कारण एक अनाथ बच्ची को लेकर स्वयं के लिए परेशानियां खड़ी कर लेता है। उद्देश्य
भलाई का होने के बावजूद कैसी कैसी मुश्किलात पेश आती हैं इसका अच्छा खाका खींच गया
है। बाद में काफी धक्के खाने के बाद जब समस्या का हल होता है तो वहीं से दूसरी
कहानी का जन्म भी।
तीन
चौथाई पुस्तक तो इस कहानी को न्योछावर हो गई, कह सकते हैं की अपनी मूल कहानी को
पकड़ने में ही निकल गई। यहाँ लेखक द्वारा मूल कथानक को कनेक्ट कर पाने तक का सफ़र
आवश्यकता से अधिक लंबा खींचा गया जो कि पुस्तक के मूल भाव एवं शीर्षक को यदि
प्रारंभ में ही कुछ पहले जोड़ देता तो बेहतर होता।
एक अच्छे
कारण के लिए फंड जमा करने के मूल विषय को लेकर जो घटना क्रम रचा गया उस के विस्तार
पर कुछ काम और किया जा सकता था हाल फिलहाल तो वह बहुत अधिक प्रभावित नही कर सका।
पुस्तक
कथानक पर कुछ स्थाई भाव लेकर नहीं तथा अंत की सकारात्मकता ओढ़ाई हुई प्रतीत होती
है, साहित्यिक से अधिक व्यावसायिकता युक्त
कथानक भाव है, क्योंकि तब अचानक ही सब अच्छा होना शुरू हो जाता है। भुखमरी,
प्रेम जैसे अमूमन सभी फॉर्मूले भी डाले गए हैं कहीं कहीं भाषा संस्कारों को छोड़ती
नजर आती है।
कुल मिला
कर कह सकते हैं की व्यावसायिक दृष्टिकोण से लिखा गया उपन्यास है जो अपने कथानक के
मूल भाव के चलते फैंटसी पसंद किशोर एवं सद्य युवा वर्ग द्वारा अवश्य सराहा जाएगा।
अतुल्य
9131948450
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