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Jadu Bhari Ladki By Kishore Choudhary

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 "जादू भरी लड़की"  ( कहानी संग्रह )  द्वारा : किशोर चौधरी  विधा : कहानी  हिन्द युग्म द्वारा प्रकाशित  प्रकाशन वर्ष : 2015, 2020 (2nd)  मूल्य  : 125.00  समीक्षा क्रमांक : 194 कहानीकार किशोर चौधरी मुख्यतः अपनी भाव प्रवण  शैली एवं विशिष्ठ काव्यमयी, सुन्दर प्रवाह युक्त भाषा के लिए जाने जाते हैं .उनके प्रस्तुत कहानी संग्रह में उनकी चुनिन्दा 9  कहानियां हैं जिन पर बात करने से अधिक बेहतर होगा कि उनकी इसी संग्रह कि कहानियों के कुछ चुने हुए अंश जिनसे भाव एवं भाषा दोनों का ही सुन्दर परिचय मिलता है पर एक नज़र डाल ली जाये संभवतः उसके बाद एक एक कहानी पर अथवा किसी कहानी विशेष पर कुछ भी टिप्पणी करने कि आवश्यकता ही न रहे.  वैसे भी किशोर चौधरी एक जाने माने कहानीकार हैं जिन्होंने अपनी खूबसूरत लेखनी के कमाल से पाठकों के दिलों को जीता है उनकी कहानियों में जहाँ एक और हमें रिश्तों कि मुश्किलात और जीवन की जटिलतायें  दिखती हैं वहीँ दूसरी और रिश्तों को बहुत गहराई एवं बारीकी से समझने का अवसर भी मिलता है. उनकी कहानियों में सच्चे सरल प्रेम का कठिनतम पक...

Kashmir Mithak Aur Yatharth By Prakash Chand Jain

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 कश्मीर : मिथक और यथार्थ  विधा : शोध  द्वारा: डॉ . प्रकाश चंद जैन  मोनिका प्रकाशन जयपुर द्वारा प्रकाशित  प्रथम संस्करण वर्ष : 2022 मूल्य : 650 पुस्तक समीक्षा क्रमांक : 193 समीक्षित पुस्तक कश्मीर : मिथक और यथार्थ कश्मीर के प्रारंभ से लेकर वर्तमान तक के हालत पर एक व्यापक शोध  है जिसे डॉ . प्रकाश चंद जैन द्वारा अत्यंत गहन प्रयासों से सम्पूर्ण सन्दर्भों के संग प्रस्तुत किया गया है जो निश्चय ही कश्मीर सम्बंधित विभिन्न मिथकों को तोड़ते भी हैं साथ ही नवीन अथवा कम लोगों तक ही ज्ञात ऐसे तथ्यों को भी सामने लाते हैं जो कश्मीर के सम्बन्ध में हमारे सोचने के नजरिये में व्यापक परिवर्तन करता है.   पुस्तक के माध्यम से हमें कश्मीर के लम्बे इतिहास को विस्तार से जानने का मौका मिलता है .अनेकों ऐसे तथ्य हैं जो सर्वथा अज्ञात ही रहे अथवा जिन्हें तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया यथा नेहरु का कश्मीर समस्या को न सुलझने देना व् सरदार पटेल से इसे अपने हाथ में लेना . पुस्तक इस विषय पर विस्तार से बात करते हुए विभिन्न लेखकों एवं इतिहासकारों द्वारा सृजित तथ्यात्मक विवरण के हवाले से पाठक क...

Do Dooni Ishq By Sahity Sagar Pandey

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 "दो दूनी इश्क'  द्वारा : साहित्य सागर पाण्डेय  flydreams द्वारा प्रकाशित  प्रकाशन वर्ष : 2020 मूल्य : 150  .00 समीक्षा क्रमांक : 192 "दो दूनी इश्क", युवा लेखक साहित्य सागर पाण्डेय कि सहज सरल भाषा शैली में लिखी गयी एक कुछ कठिन सी किन्तु पूरी दिखने के बावजूद एक अधूरी प्रेम कहानी है . शीर्षक थोडा चौंकाता है किन्तु विषय गंभीर तो अवश्य था पर उसका जिस शैली में बखान किया है उस से सहज ही जुडाव होता है एवं विषय कि जटिलता सहज सी होती प्रतीत होती है. पुस्तक का वर्तमान  कवर लेखन के स्तर से हल्का प्रतीत होता है उसे बेहतर बनाया जा सकता था   वाक्यांश को उनके क्षेत्रीय भाषा के ही अंदाज़ में प्रस्तुत किया है एवं हाल फिलहाल आम तौर पर जो युवा लेखकों कि शैली में देखा जाता है कि कथन को विशिष्ट बनाने हेतु सहज भाषा शैली को व्यर्थ ही तोड़ मरोड़ कर क्लिष्ट शब्दों का अनावश्यक प्रवेश करवा कर उसे कठिन बना दिया जाता है भले ही वह पूर्णतः अनावश्यक एवं कथानक के लिए घातक ही क्यूँ न हो किन्तु इस प्रेम कथा के लेखक ने इस हालिया चलन से अलग हट कर  भाषा को अत्यधिक  सरल एवं क्षे...

Hua Karte The Radhe By Meena Gupta

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 “हुआ करते थे राधे”  विधा: उपन्यास  द्वारा : मीन गुप्ता  सेतु प्रकाशन द्वारा प्रकाशित  प्रथम संस्करण : 2024  मूल्य : 375.00  समीक्षा क्रमांक :  191 "हुआ करते थे राधे" , मीना गुप्ता जी द्वारा रचित एक पठनीय उपन्यास । हालांकि मेरा उनके लेखन से परिचय इसी उपन्यास के द्वारा ही हुआ किंतु अपना कायल कर गया ।  उपन्यास मूलतः एक विशेष कस्बे में रहने वाले  एक परिवार की तीन पीढ़ियों की उन्नति अवनति विकास और विस्तार की कहानी है ।  उपन्यास में वर्णित घटनाक्रम के द्वारा जिस तरह से पाठक, पात्रों से परिचित होता जाता है एवम कथानक से स्वयं को संबद्ध करता है,  वह कहीं से भी उपन्यास प्रतीत नहीं होता बस यूं जान पड़ता है मानो कोई व्यक्ति अपने परिवार के विषय में आपके सामने बैठ आपको सिलसिलेवार सब कुछ सुना  रहा हो , यह  लेखिका की शैली की विशेषता ही कही जाएगी । भाषा  भी क्लिष्ट से दूर अत्यंत  सरल रखते हुए उचित स्थानों पर पात्रों द्वारा क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग कथानक को अधिक रोचक बना देता है ।   घटना क्रम को जिस तरह से पिरोया ग...

Gostkhor By Ravindra Kant Tyagi

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   “गोश्तखोर’ (कहानी संग्रह) द्वारा : रवींद्र कान्त त्यागी  विधा : कहानी  देवप्रभा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित  मूल्य : 200.00  प्रथम संस्करण : 2022   समीक्षा क्रमांक : 190 वरिष्ठ साहित्यकार रविन्द्र कान्त त्यागी जी द्वारा सृजित 30 कहानियों का संग्रह है “गोश्तखोर”, जिसकी अधिकतर कहानियाँ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के परिवेश में लिखी गयी हैं किन्तु सभी के भाव , एवं विषय वस्तु सर्वथा भिन्न हैं. पुस्तक का आमुख, प्रगति गुप्ता जी ने बहुत जतन से, सोच विचार कर, संक्षिप्त एवं सार्थक रूप में प्रस्तुत किया है जो पुस्तक पर निष्पक्ष राय प्रस्तुत करता है.   यह तो विदित है एवं सर्वमान्य भी कि, भले ही वे लेखकों की साहित्यिक कृतियाँ हों, अथवा किसी अन्य विधा के कलाकार द्वारा अपनी विधा के अनुरूप दी गयी प्रस्तुति. सभी कमोबेश अपने अपने माध्यम से समाज की तात्कालिक संरचना, गुण-दोष एवं व्यवस्था में परिवर्तन की आवश्यकताओं के संग सामाजिक बदलाव जैसे विषय  प्रस्तुत करते हैं अथवा करने का प्रयास तो अवश्य ही करते हैं एवं उनके ये सृजन अथवा प्रस्तुति, अमूमन समाज पर अपना प्रभ...

Do Shabdon Ke Beech Mein Chhuti Hui Jagah By Hargovind Puri

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  दो शब्दों के बीच में छूटी हुयी जगह   द्वारा : हर गोविन्द पुरी  विधा : कविता  New World Publication द्वारा प्रकाशित  प्रथम संस्करण 2025 मूल्य : 250  समीक्षा क्रमांक : 189    प्रकाशित कृतियों कि दृष्टि से अथवा कविताओं के विषय एवं पाठकों के बीच उनकी लोकप्रियता को पैमाना मानें तो हरगोविंद जी को खासा स्थान प्राप्त है . अब तलक उनके कई कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमे "पिता की नींद", “उदास आंखों के सपने”, “कविता बोलती है”, “मां का आंचल” आदि प्रमुखता से उल्लिखित किये जा सकते हैं वहीँ , समय समय पर उनकी रचनाएं विभिन्न स्थापित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित  होती रहती हैं अतः सहज ही स्पष्ट है कि उनके सृजन को पाठकों का अच्छा प्रतिसाद प्राप्त होता है. एवं मेरी दृष्टि में इसका मूल भूत कारण उनका सामान्य जन का कवि होना ही हैं .  एक आम इंसान के भाव ही उनकी कविता में हमें शब्द रूप में दीखते हैं . उनकी कविताओं में उनके जमीन से जुड़े हुए होने की तस्दीक अमूमन हर रचना करती  है और चूंकि वे सामान्य जन कि बात उन्हीं कि भाषा में व्यक्त करते हैं इस...

Nai Samiksha Ke Sopan By Rampal Shrivasrava

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 "नयी समीक्षा के सोपान" विधा : समीक्षा संग्रह  द्वारा : रामपाल श्रीवास्तव  शुभदा बुक्स द्वारा प्रकशित  प्रकाशन वर्ष  ;2025 मूल्य : 280.00 प्रतिक्रिया क्रमांक :   188 राम पाल श्रीवास्तव जी की समीक्षात्मक पुस्तक "नई समीक्षा के सोपान" निश्चय  ही साहित्य के क्षेत्र में उनका एक महत्वपूर्ण योगदान है . उनकी इस समीक्षात्मक कृति में कहानी, उपन्यास, लघुकथा, कविता तथा पत्रिकाओं पर स्वलिखित सामिक्षाओं को शामिल करा गया है । स्वलिखित  31  समीक्षात्मक लेख संकलित  किए  हैं जो पूर्व में विभिन्न  पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हो चुकी हैं,  रामपाल जी अपनी समीक्षाओं में निष्पक्षता एवं वस्तुनिष्ठता के साथ विशेषताओं को उजागर करते हुए वहीँ  कमियों पर भी सुधारात्मक टिप्पणी करते हुए अत्यंत बारीकी से विवेचन प्रस्तुत करते हैं जिससे पाठक को समीक्षा पढ़ते हुए ही पुस्तक पढने के विषय में अपना मत बनाने हेतु समस्त आवश्यक जानकारी उपलब्ध हो जाती है, किन्तु उनकी इस विवेचना में ऋणात्मक आलोचना जैसा भाव कदापि लक्षित नहीं होता अपितु उनकी स...