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Patan By Ravindra Kant Tyagi

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  पतन “पतन”   द्वारा : रवींद्र कान्त त्यागी विधा : उपन्यास प्रभात पेपरबैक्स द्वारा प्रकाशित   संस्करण : प्रथम 2022 पृष्ट संख्या 360 मूल्य : Rs. 5 00   समीक्षा क्रमांक : 122 रवींद्र कान्त त्यागी जी का साहित्य मूलतः उनके अनुभवों का सार ही प्रतीत होता है। विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हुए जहां उन्होंने कर्मवीर होने का परिचय प्रस्तुत किया वहीं राजनीति से भी उनका जुड़ाव एक लंबे अरसे तक रहा है किन्तु हाल फिलहाल अपनी माटी   अपने लोगों के बीच रह कर साहित्य सृजन में व्यस्त हैं तथा राजनैतिक गलियारों में बिताए हुए वख्त   का प्रभाव   प्रत्यक्ष रूप में उनके प्रस्तुत उपन्यास “पतन” में दिखलाई पड़ता है।     कथानक से उनके तजुर्बों का परिचय भलीभाँति मिल जाता है। लेखन उनके मन के बेहद करीब है एवं संभवतः यही कारण भी रहा की तमाम व्यवधानों के उपरांत भी उनका लेखन कार्य अनवरत रूप से गतिशील है। राजनैतिक क्षेत्र को   उन्होनें बेहद नजदीक से देखा समझा एवं अनुभव किया तथा यही कारण है की वे ग्राम्य स्तर की राजनीति से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की राजनीति की बात भी इतनी वास्तविकता एवं सहजता से बयान कर

Itna Bhi Mushkil Nahi By Sanjeev Kumar Gangwar

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  इतना भी मुश्किल नहीं द्वारा: संजीव कुमार गंगवार बोधरस प्रकाशन द्वारा प्रकाशित मूल्य : 350 पृष्ट : 221 समीक्षा क्रमांक :   121                           संजीव गंगवार जी साहित्य की अमूमन प्रत्येक विधा में सक्रिय हैं एवं सतत सशक्त लेखन हेतु बखूबी पहचाने जाते है। प्रख्यात फिल्मकार गुरुदत्त साहब पर लिखी उनकी पुस्तक “कागज के फूल” ने उनकी ख्याति मे सुनहरे सफ़े जोड़े थे हालांकि उनकी अन्य पुस्तकें भी मैंने पढ़ी हैं एवं आपके लिए उनकी समीक्षा भी प्रस्तुत की है जो की समान रूप से सराहनीय थीं।             उनकी प्रस्तुत पुस्तक “इतना भी मुश्किल नहीं” सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने के भाव और सफलता की दिशा में अन्य कारकों पर विस्तार से प्रकाश डालती है।             यूं तो हिन्दी में प्रेरणादायी साहित्य एवं वक्ताओं की प्रचुरता है किन्तु अधिकांश को पढ़ने एवं सुनने के पश्चात मेरा यह अनुभव रहा है की पाठक अथवा श्रोता कितनी आत्मसात कर पा रहा है यह सोचे समझे वगैर ही एक ही बात को कई तरह से घुमा घुमा कर कहते जाना न तो मददगार होता है न ही प्रेरणादायी, फिर वह लिखित मोटिवेशन साहित्य हो अथवा वक्ताओं के त

DARAD NA JANE KOY BY RAMESH KHTRI

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  दरद ना जाने कोय द्वारा : रमेश खत्री विधा : उपन्यास मंथन प्रकाशन , जयपुर द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण : 2023 पृष्ट :328 मूल्य : 390 समीक्षा क्रमांक : 120    आंतरिक रूप से पूर्णतः बिखरे हुए किन्तु सामाजिकता के कारण बाह्य रूप से जुड़े रहने की विवशता को ढोते हुए   भिन्न भिन्न दौर उम्र एवं परिवेश में प्रस्तुत दाम्पत्य   संबंधों के कई रूप प्रस्तुत किये गए   हैं। बातें बेशक दंपती एवं दाम्पत्य से जुड़ी हुई हों किन्तु फिर भी इस उपन्यास को पढ़ कर   एक अधूरी प्रेम कथा ही अधिक प्रतीत हुई जो अनेकों हालात के चलते एक दृष्टि से विवाहेतर संबंध तो एक ओर अगाध प्रेम एवं वहीं मुख्यतः पत्नी द्वारा प्रताड़ित एक पति की दो पाटों के बीच पिसते हुए घिसटती हुई जिंदगी   की कहानी है. हालांकि लेखक यह स्पष्ट नही कर सके अथवा शायद उल्लेख करना उन्हें आवश्यक न प्रतीत हुआ हो कि अचानक ऐसी क्या परिस्थितियाँ बनी कि नायक द्वारा 35 सालों के बाद नायिका को संपर्क साधना पड़ा। क्यूंकि नायिका तो उन्हें प्रथम मुलाकात से ही चाहती थी एवं तभी से मानसिक रूप से उन्हें ही अपना आराध्य मान चुकी थी किन्तु नायक का यूं प्रगट होन

Kuchh Is Tarah By Poonam Ahmed

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  कुछ इस तरह “कुछ इस तरह” विधा : कहानी द्वारा पूनम अहमद नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित पृष्ट संख्या : 75 ( प्रथम संस्करण ) मूल्य : 150.00 समीक्षा क्रमांक : 119 जहां एक आम इंसान की सोच समाप्त हो जाती है वहीं से पूनम जी की सोच प्रारंभ होती है। जहां एवं जिस विषय पर कुछ भी लिखना नामुमकिन   समझ आम इंसान आगे बढ़ जाता है उसी वस्तु अथवा विषय को वे अपने कथानक का अभिन्न अंग बना कर उस पर एक श्रेष्ठ कृति सृजित कर प्रस्तुत कर देती हैं। प्रस्तुत पुस्तक उनकी लेखनी से निकली एक और अनुपम खूबसूरत कृति है, जो की उनकी चंद श्रेष्ठ कहानियों का संग्रह है जिस में उनकी प्रत्येक कहानी उनकी सृजन की असीमित परिकल्पनाओं की उड़ान की व्यापकता एवं अथाह गहराई युक्त सोच का परिचय देती है। प्रस्तुत कहानी संग्रह  “कुछ इस तरह”  में पूनम जी द्वारा रचित 13   कहानियां   प्रस्तुत की गयी हैं, तथा संग्रह के आद्योपांत पठन के पश्चात स्वस्थ मनोरंजन एवं वैचारिक संतुष्ठी की प्राप्ति होती है।   किसी विशिष्ठ विषय पर केन्द्रित न होकर कहानियों के विषय आम जन के बीच की आम बातें एवं समकालीन घटनाएं ही हैं अतः पाठक उनसे शीघ्र ही सम्ब