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Vimukt Varnika by Seema Saxena Varnika

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                                                                    विमुक्त वर्णिका समीक्षा क्रमांक : 98 विमुक्त वर्णिका ( काव्य संग्रह) द्वारा : सीमा वर्णिका नमन पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित मूल्य: 150.00 पृष्ट संख्या :  124   सुविख्यात साहित्यकार , जानी-मानी कवीयत्री, सीमा सक्सेना “वर्णिका” को उनकी अनेकोनेक कविताओं, लघुकथाओं, तथा विभिन्न विषयों पर तार्किक लेखों हेतु बखूबी जाना पहचाना जाता है ,एवं अमूमन साहित्य जगत की प्रत्येक   प्रतिष्ठित एवं विख्यात संस्था उनके कार्य की सराहना कर तथा उन्हें सम्मानित कर स्वयम गौरवान्वित हुई है। सीमा जी की समीक्ष्य   पुस्तक   “विमुक्त वर्णिका ” उनकी भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति का लिपिबद्ध प्रस्तुतीकरण है। उनकी प्रत्येक रचना भिन्न भाव के साथ अलग ही विचार एवं कलेवर एवं दिशा प्रस्तुत करती है ।   कविताओं के शीर्षक अत्यंत विचारण के पश्चात दिए गए हैं । शीर्षक   विशिष्ट हैं एवं रचना जो गहराई लिए हुए , गंभीर सोच को या तो ज़न्म देती है अथवा पोषित करती है उस का आभास देने में पूर्णतः सक्षम हैं। स्तरीय सुंदर भाषा , गंभीर भाव एवं बोधगम्य शैली में रचित

Triveni By Rashmi Sinha Kishwar Anzum Varsha Garg

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  समीक्षा क्रमांक 97 त्रिवेणी कविता संग्रह (संयुक्त) द्वारा : रश्मि सिन्हा , किश्वर अंजुम एवं वर्षा गर्ग वनिका पब्लिकेशन्स द्वारा प्रकाशित मूल्य : 350.00 पृष्ट    :184              त्रिवेणी , शब्द मात्र से मानो पवित्रता एवं निर्मलता का संदेश स्वतः प्रवाहित हो जाता है। भारतवर्ष   में सर्वदा मातृवत   वंदित एवं पूज्य पवित्र   गंगा का यमुना और सरस्वती के   संग, संगम स्थल हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है,   वैसी ही निर्मलता एवं शुचिता अपने में समेटे तीन सुविख्यात विदुषियों की कृति समीक्ष्य पुस्तक त्रिवेणी भी वर्तमान साहित्य जगत के सागर में एक दुर्लभ मोती के रूप में प्रस्तुत हुई है जिसका पाठन निश्चय ही एक अविस्मरणीय प्रसंग होगा। साहित्य जगत में ख्यातिलब्ध कवियात्रियाँ रश्मि जी , किश्वर अंजुम जी एवं वर्षा गर्ग जी साहित्य में अपने सतत उल्लेखनीय योगदान के कारण श्रेष्टता के उत्तंग शिखर पर हैं जहां वे किसी परिचय की मोहताज नहीं। यह तीनों ख्यातिलब्ध कवीयत्रीयों की चुनिंदा कविताओं का संकलन है किन्तु स्पष्टतः कहना चाहूँगा की एक पुस्तक की सीमा में बांध कर तीनों

Dhappa Zindgi By Arvind Yadav

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  धप्पा ज़िंदगी समीक्षा क्रमांक   : 96 धप्पा ज़िंदगी कहानी संग्रह द्वारा अरविन्द यादव बोधरस द्वारा प्रकाशित मूल्य: 240.00 पृष्ट :144 अरविन्द यादव, एक युवा जिंदादिल और जोशीले लेखक ने   अपनी   प्रथम एकल कृति के संग हिन्दी साहित्य जगत में पदार्पण किया है, अपनी 17 बेशकीमती कहानियों के संग्रह “धप्पा ज़िंदगी” के साथ। पूर्व में वे एक पुस्तक अपनी जीवन संगिनी के संग मिलकर “अनायरा टेल्स” के नाम से भी प्रस्तुत कर चुके हैं, तथा उस को पाठकों द्वारा प्राप्त प्रतिसाद ही उन्हें इस पुस्तक के लिखने की   प्रेरणा कहा जा सकता है। यूं तो शिक्षा एवं कर्म से वे एक इंजीनियर हैं किन्तु उनकी पुस्तक पढ़ कर उनके स्थापित साहित्यकार न होने पर विश्वास कर पाना निश्चित तौर पर बहुत ही कठिन होगा, क्यूंकी उनकी प्रत्येक कहानी बेहद मँजी हुई शैली व कसाव के संग गढ़ी गई है।   कथानक में परिपक्वता एवं कसाव स्पष्टतः लक्षित है, तथा उनकी कहानी पाठक को किसी भी स्थल पर बोझिल अथवा उबाऊ जैसा प्रतीत न करवाते हुए एक सहज जिज्ञासा एवं आगे पढ़ने की उत्सुकता बनाए रखती   है।        बात यदि उनकी लेखन शैली की करें, तो कहूँगा की सहज ही लोकप्रिय ह