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MUTTHI BHAR AASMAN BY MINAKSHI SINGH

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  मुट्ठी भर आसमान द्वारा: मीनाक्षी सिंह विधा : कहानी (संग्रह) हर्फ़ पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण :2021 मूल्य : 150.00 पाठकीय प्रतिक्रिया क्रमांक :166 आज बात मीनाक्षी सिंह के 21 कहानियों के संग्रह   “मुट्ठी भर आसमान”की।   लेखिका स्वयं काफी मुखर हैं   तथा उन्हें fb पर सदा एक्टिव देखा है, हाँ यह कहना मुश्किल है कि पहले वे fb पर मित्रता सूचि में जुड़ीं थीं अथवा उनकी पुस्तक मेरे लायब्रेरी में। तकरीबन 2 वर्ष हुए पुस्तक खरीदे हुए किन्तु संभवतः कुछ आलस्यवश ही पढ़ी न जा सकी। पुस्तक कि अधिकांश कहानियां नारी विमर्श आधारित हैं , जहाँ उनके नारी पात्र काफी खुले विचारों के , वर्जनाओं को तोड़ते हुए एवं आधुनिकता को उसके स्वच्छ एवं पारदर्शक मूल्यांकन के पश्चात स्वीकारते हुए , मुखर किन्तु शालीन हैं , सच को स्वीकारते हुए एक जुझारू प्रवृत्ति का परिचय भी उनके नारी पात्र दे रहे हैं।   नारी मन कि भावनाओं को बखूबी समझ कर शब्द देने में वे पूर्णतः सफल रहीं हैं। पात्रों के सृजन में कहीं न कहीं पात्रों का सम्पूर्ण मनोवैज्ञानिक अध्ययन   भी छुपा हुआ है।   ...

KAYA SPARSH BY DRONE VIR KOHLI

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  काया स्पर्श द्वारा : द्रोणवीर कोहली विधा : उपन्यास   प्रथम संस्करण : 2012 ज्ञान विज्ञान प्रकाशन द्वारा प्रकाशित   मूल्य : 395 पाठकीय प्रतिक्रिया क्रमांक : 165 अपने समय के जाने माने साहित्यकार स्मृतिशेष द्रोणवीर कोहली जी के प्रस्तुत उपन्यास “काया स्पर्श” को पढ़ना निश्चय ही एक आनंददाई अनुभव है ।   यह उपन्यास एक ऐसी समस्या उठता है जो हम आम तौर पर समाज में देखते है या कहूँ की देखते हुए भी अनदेखी कर जाते हैं   वह है समृद्ध, तथाकथित आधुनिक परिवारों के पश्चिमी परिवेश में रंगे, तीव्र गति से समाज में शोहरत और पैसा कमाने की धुन में घर परिवार   को अनदेखा कर बस स्पर्धा की दौड़ में भागते माता पिता । परिणाम - भौतिक सुख सुविधाओं के बावजूद स्नेह, माँ बाप का प्यार, मार्ग दर्शन और पारिवारिक सौहार्द का माहौल न मिलना,   जो उन्हें बच्चों से दूर तथा बच्चों को एकाकी और मनोरोगी   बना देता है अथवा वे अपने पथ से भटक कर विभिन्न बुराइयों से ग्रसित हो जाते हैं।   ऐसे परिवारों में माँ बाप के पास अकूत संपत्ति तो होती है किन्तु बच्चों के लियरे सबसे अमूल्य संप...

WAH SAAL BAYALIS THA BY RASHMI BHARDWAJ

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  वह साल बयालीस था विधा : उपन्यास द्वारा : रश्मि भारद्वाज सेतु प्रकाशन द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण : 2022 मूल्य : 249 पाठकीय प्रतिक्रिया क्रमांक : 164 1942 का समय एक जुनूनी दौर था, देश में स्वाधीनता संग्राम अपने चरम पर था जहां एक ओर आजादी का जज्बा दिलों में हिलोरे ले रहा था उसी बीच कहीं प्रेम की कोंपलें फूट रहीं थीं उधर आजादी के लिए जोश और संघर्ष बढ़ रहा था तो इधर प्यार बेहद संजीदगी से दिलों के अंदर ही अंदर जवान हो रहा था।   समय के साथ आजादी की लड़ाई और प्यार को पाने की जद्दोजहद दोनों ही कामयाबी की ओर अग्रसर थीं।   आजादी के रणबांकुरों   के अनगिनत किस्से हमने पढे और सुने हैं किन्तु   बहुत   सारे उतार चढ़ावों के बीच एक सुंदर कल्पना को शब्द देते हुए उस कठिन समय के   दरमियाँ एक युवा जोड़े की ऐसी प्रेम कहानी जो उसी क्रांति के दौर में अंकुरित हो पल्लवित हुई ,   उस प्रेम गाथा को यदि उस प्रेमी युगल की तीसरी पीढ़ी के द्वारा सुनाया   जाए तो निश्चय ही वह अद्भुत होगी। अनोखे कथानक का नयापन ही सबसे पहले पाठक को अपने पाश में बांधता है। इधर यह...

KHALI PILI BAKVAS BY DR. PRADEEP UPADHYAY

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  खाली पीली बकवास विधा : व्यंग्य संग्रह द्वारा: डॉ. प्रदीप उपाध्याय New World Publication द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण : 2024 मूल्य : 225 पाठकीय प्रतिक्रिया क्रमांक : 163  डॉक्टर प्रदीप उपाध्याय,   अपने चुभते हुए निर्भीक व्यंग्य लेखन हेतु प्रमुखता से   जाने जाते हैं। बात यदि करी जाए व्यंग्य लेखन या फिर व्यंग्य विधा की तो अत्यंत आसान शब्दों में कहा जा सकता है की साहित्य की वह शैली जिसमें किसी भी विषय व्यक्ति अथवा स्थिति की आलोचना अथवा उसका कोई स्याह पक्ष अतिशयोक्ति अथवा विरोधाभास का प्रयोग करते हुए सहज हास्यात्मक रूप में , किसी की भावनाओं को आहात किये बगैर लेखक का अपना विशिष्ट दृष्टिकोण अथवा विचार रखने हेतु किया जाता है। लेखक के यह   विचार     आम जन की भावना को भी प्रदर्शित कर सकते हैं । उपाध्याय जी की कहानियों में उनके द्वारा सृजित व्यंग्य में यही तमाम बारीकियों से युक्त   लेखन देखने को मिलता है उनके व्यंग्य बहुधा राजनीति अथवा राजनीति से प्रभावित अन्य विषयों पर केंद्रित होते हैं। बगैर किसी पार्टी ,समुदाय अथवा व्यक्ति विशेष को संबोधि...