संदेश

अक्तूबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Us Din By Poonam Ahmed

चित्र
  उस दिन   द्वारा :   पूनम अहमद   विधा :   आत्मकथा अद्विक पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित   संस्करण : प्रथम 2024 मूल्य : 220 समीक्षा क्रमांक :  147   पूनम जी की कई पुस्तकें अभी तक पढ़ीं ,   उन पर लिखा भी ,   और उनकी पहली पुस्तक पढ़ने के समय से ही उनके अंदाज़े बयां का मुरीद हूं, और अब जो उन्होंने अपनी कहानी या कहें जीवन के संस्मरण   “उस दिन” शीर्षक से पुस्तक के रूप में सँजोये हैं    उस पर तो कुछ कहने की आवश्यकता ही नहीं। बस यही कहना काफी होगा लिखने के तरीके के लिए और   लिखने की सहजता के लिए पढ़ा जाना चाहिए। भाव तो उनके कहन में सहज ही आ गए और इस पुस्तक के प्रारंभिक   संस्मरण   जैसे “उस दिन” और पिता से आखरी मुलाकात में तो भावनाओं का दरिया आपको अपने साथ सहज ही बहा ले जाता है। उस दिन ,   आम   इंसान की जिंदगी में जो कुछ बीतता है उसे इतने खूबसूरत तरीके से भी बतलाया जा सकता है यह इस पुस्तक को पढ़ कर ही पता लगा। अपने विषय में लिखते हुए यह एक आदर्श नैतिक बाध्यता अथवा अनिवार्यता होती है की     व्यक्ति अपने साथ साथ   सबके प्रति भी ईमानदार बना रहे ,   और सच्चाई तथा बेबाकी से अपनी और अपनों

Zindagi Unlimited By Zareen Aara

चित्र
  ज़िंदगी unlimited विधा : आत्मकथा        द्वारा: जरीन आरा   प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित मूल्य : 400/- समीक्षा क्रमांक :146    आज बात एक आत्मकथा की, और वह भी एक ऐसी लड़की की आत्मकथा  जो साधारण लड़की तो कदापि नहीं, वह तो जमाने से अलग एक दिलचस्प जिंदादिल लड़की है। वह तमाम मुशकिलात के बाद भी जिंदगी को पूरी तरह से जीने में यकीन करती है आसमान की ऊंचाइयों को पाना  चाहती है वह चाहती है उच्च शिक्षा प्राप्त करना ,  वह चाहती है फैशन डिजायनर बनाना अथवा एंकर बनना और अपने जीवन के हर उस पल को भरपूर जीती है जो बीमारी की परेशानियों के बीच उसे हासिल हो पता है। वह एक पल भी व्यर्थ नहीं जाने देती। वह एस.एम.ए. 2 बीमारी से पीडि़त जरूर  थी पर उसने बीमारी को कभी अपनी ज़िंदगी जीने के फलसफे के बीच नहीं आने दिया। इस बीमारी के चलते वह अपनी छोटी से छोटी गतिविधि के लिए भी यथा करवट लेना अथवा गर्दन हिलना आदि के लिए भी दूसरों पर निर्भर थी और फिर कमजोर श्वसन तंत्र के चलते बार बार संक्रमित हो जाने  के कारण उसका अधिक  समय तो हस्पताल में ही बीतता था , लेकिन उसने अपनी शारीरिक परेशानी को कभी  भी  अपनी खुशी एवं अप