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Bahadur Rajkumari By Sanjeev Kumar Gangvar

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  समीक्षा क्रमांक : 90 बहादुर राजकुमारी बालकथा संग्रह द्वारा : संजीव कुमार गंगवार नवीन प्रकाशन कोलकता द्वारा प्रकाशित मूल्य : 250/- संजीव गंगवार जी साहित्य सृजन में अपने सतत श्रेष्ठ सृजन हेतु बखूबी पहचाने जाते हैं , विगत तकरीबन 25 वर्षों से वे अनगिनत रचनाओं के संग साहित्य सृजन में सक्रिय बने हुए हैं।     साहित्य की अमूमन प्रत्येक विधा में उन्होनें अपना योगदान दिया है व उनकी कृतियाँ प्रबुद्ध पाठक वर्ग द्वारा बेहद सराही गई हैं।     बाल साहित्य सृजन में पूर्व में भी उन्होनें कविताएं रच कर विभिन्न   बाल काव्य संग्रहों   के रूप में प्रकाशित किया था।     प्रस्तुत पुस्तक के द्वारा उन्होनें बाल सुलभ जिज्ञासाओं एवं उम्र के सबसे खूबसूरत दौर की रुचियों   के दृष्टिगत बालकथाओं का सृजन किया है एवं 14 बाल कथाओं को “बहादुर राजकुमारी”   कथा संग्रह के द्वारा प्रस्तुत किया है।       हाल फिलहाल में बाल साहित्य सृजन के क्षेत्र में भिन्न भिन्न कथाकारों द्वारा बाल कविताएं एवं कहानियाँ आदि सृजित कर अत्यंत सराहनीय कार्य किया जा रहा है   ऐसे में यह विचारण भी अनिवार्य हो जाता है की यह भी स्पष्ट हो की

Devendra Nahi Devan By Devendra Kumar

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  देवेन्द्र नहीं देवन ( आत्मकथ्य ) देवेन्द्र कुमार प्रखर प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक समीक्षा क्रमांक : 89 मूल्य : 500.00 देवेंद्र जी को एक लेखक, अनुवादक, अथवा पत्रकार कहने की अपेक्षा उन्हें बाल साहित्य सृजन का श्रेष्ठ गुरुकुल कहना अधिक उचित एवं उपयुक्त प्रतीत होता है। एक ऐसी शख्सियत जिसने   जो भी सीखा अपने तजुर्बों से, जीवन में पारिवारिक हो आर्थिक अथवा सामाजिक , प्रत्येक स्तर पर अमूमन हर उस मुश्किल को झेला जिससे हर कोई किनारा करता है व बचना चाहता है,   न तो कोई आधारभूत शिक्षण, न साधन, और न ही कोई सहयोग अथवा गॉड फ़ादर जैसी सीढ़ी, जो उन्हें सफलता के शिखर पर ले जाती । अत्यंत संघर्षपूर्ण किन्तु प्रेरणास्पद जीवन रहा है जिससे जहाँ एक और बहुत कुछ सीखने को मिलता है वहीं   उन्होंने बहुत   से ऐसे विषय भी बगैर   स्पष्ट कहे ही मात्र संकेतों द्वारा   सामने रख दिए हैं जिन पर आज भी   हमारे सुधारोन्मुखी प्रगतिशील समाज को गहन विचारण एवं मूलभूत सुधारों के प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने स्वयं कैसे लिखने का यह सफ़र शुरू किया यह जानना वाकई अत्यंत चोंकाने वाला एवं अत्यंत प्रेरणास्पद है। हालाँकि उ

Aadha Hai Chandrama by Renu Gupta

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  आधा है चंद्रमा   लघुकथा संग्रह द्वारा : रेणु   गुप्ता बोधरस प्रकाशन द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण   : 2023 मूल्य              : 340.०० समीक्षा क्रमांक : 88 ख्यातिलब्ध साहित्यकार “रेणु गुप्ता जी”, साहित्य की विभिन्न विधाओं में अपने उल्लेखनीय कार्य हेतु बखूबी पहचानी जाती हैं तथा साहित्य जगत में अपने योगदान के चलते वे उस मुकाम पर हैं जहां उनका नाम ही उनके काम की पहचान बन चुका है , या कह सकते हैं कि उनका काम ही उनकी पहचान   हो गया है। बेहद परिचित नाम है । उनका सद्यः प्रकाशित 101 कहानियों का   संग्रह   “आधा है चंद्रमा ”   लघुकथाओं   से सज्जित है जो कि गागर में सागर से कमतर कतई नहीं है। इस संग्रह में लेखिका की   विषयवस्तु के प्रति गहन सोच , गंभीर विचारण , ईमानदार संवेदनाएं व सामाजिक विषमताओं पर प्रहार स्पष्ट दृष्टिगोचर हुआ है जहां उन के पात्र उन विषमताओं से समझौता न कर प्रतिरोधात्मक रूख दर्शाते   है। यूँ तो उनकी कहानियां बेहद सादगी भरी होती है किन्तु उनकी लघु कथाओं में भी दर्शन आध्यात्मिकता एवं सुंदर भाषा का प्रयोग देखने को मिलता है ।   हर कथा   मानवीय मूल्यों व इंसानियत के