Avtarvad Ek Nayi Drishti By Ram Pal Shrivastav
“अवतारवाद” एक नई दृष्टि विधा : शोध द्वारा : राम पाल श्रीवास्तव संकल्प प्रकाशन द्वारा प्रकाशित मूल्य : 335 पृष्ट :239 समीक्षा क्रमांक : प्रथम संस्करण : 2023 अवतार से तात्पर्य देवता अथवा शक्ति का विभिन्न रूपों में अवतरण अथवा प्रकट होना। सामान्य तौर पर अवतार विभिन्न काल एवं रूप में धर्म स्थापना, अधर्म का नाश , पाप शक्तियों का अंत एवं मानव मातृ की रक्षा तथा सतयुग की परिकल्पना को साकार रूप प्रदान करने हेतु अवतरित हुए हैं। रामपाल श्रीवास्तव जी द्वारा प्रस्तुत “अवतारवाद” एक नई दृष्टि वस्तुतः अवतारवाद के विभिन्न आयामों पर एक संक्षिप्त शोध एवं गहन चिंतन है जहां उन्होनें अवतारवाद क्या है से प्रारंभ कर उसकी कोटि एवं संख्या की धार्मिक ग्रंथों में दीये गए वर्णन को उद्धहरित करते हुए विवेचना प्रस्तुत की है। वहीं अवतारवाद के आवश्यक तत्व एवं विकास का चिंतन भी है । मूल रूप से उchuनके अध्ययन का विषय वैष्णव धर्म में तथा वैष्णव संप्रदायों में अवतारवाद रहा है। साथ ही उन्होंने हिन्दू धर्म में अवतार वाद से इतर अन्य धर्मों यथा बौद्ध, जैन धर्म में भी अवतारवाद पर चर्चा की है।