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Ratan Kumar sambhariya ki chayanit kahaniya By Ratan Kumar sambhariya Editor Dr.Varsha Verma

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  रत्नकुमार सांभरिया की चयनित कहानियां संपादन : डॉ. वर्षा वर्मा दृष्टि प्रकाशन - जयपुर द्वारा प्रकाशित विभिन्न सम्मानों एवं पुरुस्कारों से राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर पर नवाजे जा चुके मूर्धन्य साहित्यकार, विभिन्न विधाओं में सृजन कार्य में संलग्न ,वरिष्ठ रचनाकार रत्नकुमार सांभरिया जी के विभिन्न कहानी संग्रह , लघु कथा संग्रह , एकांकी आलोचना ग्रंथ इत्यादि प्रकाशित हो चुके हैं ।    वहीं उनके द्वारा अनुवादित, सम्पादित ग्रंथों की भी एक लम्बी फेहरिस्त है तथा प्रस्तुत पुस्तक से इतर उनकी विभिन्न रचनाओं को यहाँ सूचीबद्ध करना न तो संभव है न ही तर्कसंगत ।   उनकी रचनाओं पर टेलीफिल्म का निर्माण , रेडियो प्रसारण एवं विभिन्न रंगमंचों पर मंचन एक अनंत सिलसिला है।    उनकी रचनाएँ विभिन्न पाठ्यक्रमों में विश्वविद्यालयों   में पढाई जा रहीं हैं व उनकी रचनाओं पर अनेकों विद्यार्थियों द्वारा शोधकार्य किया जा चुका है।      रत्नकुमार सांभरिया जी की कहानियाँ दलित समाज से जुड़ी हुई कहानियाँ हैं ,   उनकी कहानियों में दलित विमर्श एवं स्त्री विमर्श प्रमुखता से उभर कर आये हैं । उनकी कहानियों में   दलित जीवन से स

Hone Se Na Hone Tak By Sumati Saxena Lal

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  होने से न होने तक द्वारा        : सुमति सक्सेना लाल सामयिक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित गंभीर , सामान्य - तौर पर पारिवारिक अथवा अपने बेहद करीब से चुने गए विषय को कथानक का आधार बना कर अत्यंत सुरुचिपूर्ण , गरिमामयी , स्वस्थ हिंदी रचनाएँ गढ़ने में वरिष्ट लेखिका सुमति सक्सेना लाल का कोई सानी दूर दूर तक दृष्टिगोचर नहीं होता। साहित्य  के गलियारों में वरिष्ट लेखिका सुमति सक्सेना लाल का नाम बहुत ही आदर एवं विशेष उल्लेख के साथ लिया जाता है ,   काफी लम्बे अंतराल के पश्चात अपनी दूसरी पारी में उन्होंने साहित्य को कई  सुन्दर रचनाएँ दी हैं ।  उनके कहानी संग्रह एवं उपन्यास “ अलग अलग दीवारें ” ,” दूसरी शुरुआत ” , “ फिर ...  और फिर ” , “ वे लोग “  भी काफी सराहे गए एवं पाठको से भरपूर प्यार बटोर कर अपनी अमित छाप छोड़ गए । लेखिका द्वारा रचित प्रस्तुत कृति में नायिका द्वारा अपने कालेज के शिक्षण के कैरियर में आये विभिन्न उतर चढ़ाव तजुर्बे एवं कुछ खट्टे मीठे वाक्यात   बेहद ख़ूबसूरती से साझा किये गए हैं एवं बाज़ दफा तो यह लेखिका का आत्मकथ्य ही जान पड़ता है।   युवा अवस्था एवं कालेज जीवन की   पृष्ट भूमि में रचित इ

Khoobsoorat Mod By Ram Nagina Maurya

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  खूबसूरत मोड़ द्वारा      : राम नगीना मौर्य प्रकाशन : रश्मि प्रकाशन प्रतिष्ठित यशपाल पुरुस्कार एवं डॉ . विद्या निवास मिश्र पुरुस्कारों से सम्मानित , अपनी रोचक, पठनीय, एवं सरल, जन सामान्य की कहानियों के ज़रिये निरंतर पाठकों के मानस में बने रहने वाले   वरिष्ठ कथाकार हैं   “राम नगीना मौर्य” , उनकी सतत्   उपस्थिति एवं   साहित्य साधना अनवरत है।   मौर्य जी के आधा दर्ज़न से अधिक कहानी संग्रह   प्रकाशित हो चुके है व विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओँ   के संग उर्दू के बेहतरीन अलफ़ाज़ , विभिन्न साहित्यकारों के लेखन के उल्लेखनीय अंश / वाक्यांश , फ़िल्मी गानों की उपयुक्त पंक्तियों का यथोचित   प्रयोग एवं   तार्किक रूप में हास्य का पुट देते हुए समाज के बीच के ही किसी वाकये को कथा रूप में पेश कर देने की अपनी विलक्षण प्रतिभा से निरंतर सुन्दर रचनाएँ देते रहते हैं।  उन्हें पाठकों का असीम प्यार तो मिलता ही है साथ ही साहित्य जगत के जाने माने कथाकारों   के बीच   वे   प्रमुखता एवं सम्मान से जाने जाते   है, उनकी रचना पाठकों से इतनी सहजता से जुड़ जाती है एवं उनके दिलों में बस जाती है कि उसे अन्य किसी परिचय की आवश