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Pile Half Paint Wali Ladki By Arun Arnav Khare

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  पीले हाफ पैंट वाली लड़की द्वारा      : अरुण अर्णव खरे प्रकाशक: हंस प्रकाशन क्यू पढ़ें :- साहित्यिक गरिष्ठता से परे, स्वस्थ मनोरंजन, एवं हल्का फुल्का चिंतन करने को दिशा    प्रदान करती , मध्यम वर्गीय समाज के सामान्य जन जीवन से लिए गए सुन्दर किस्से हैं , रोचकता के संग शब्दों का चयन एवं वाक्य विन्यास भी सहज है।  शीर्षक:- यूं तो प्रस्तुत कथा संग्रह की प्रत्येक कहानी अपने आप में विशिष्ठ है, एवं उच्च कोटि का स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करने में सक्षम है, किन्तु एक बेहद ही रोचक एवं तनिक मार्मिक कहानी है “पीले हाफ पेंट वाली लड़की” जिसे पढ़ने के पश्चात जहाँ उस शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट हो जाती है वही उसे पुस्तक का शीर्षक बनाने हेतु क्यूँ चुना गया इस बात में भी कोई संशय नहीं रह जाता, क्यूंकि वह कहानी है ही इतनी विशेष। वैसे यह पूर्व में भी कह चुका हूँ की लेखक अपनी किस रचना को प्रमुखता देना चाहता है यह पूर्णतः उसी के स्वविवेक पर एवं व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है। अन्य    किसी का दखल मेरी दृष्टि में सर्वथा अनुचित एवं अवान्क्ष्नीय   ही कहा जायेगा।     कथाकार:- अरुण अर्णव   खरे सुप्र

Ganga Se Kaveri By Shailendra Chauhan

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  गंगा से कावेरी द्वारा       : शैलेन्द्र चौहान प्रकाशक : मंथन प्रकाशन शीर्षक:- शैलेन्द्र चौहान जी की प्रस्तुति “गंगा से कावेरी” उनकी    चुनिन्दा कहानियों का संग्रह है , जो शैलेन्द्र जी की भावनाओं की अभिव्यक्ति की उनकी बेलौस एवं   निराली शैली से , बहुत करीब से मिलवाती है। कथा संग्रह में एक खूबसूरत,   विचारों के झंझावत से गुजरती ,   समान नाम की कहानी भी है एवं उसे ही प्रमुखता देते हुए संग्रह के शीर्षक हेतु चयन करा गया है। क्यों पढ़ें :-          यदि विषय के चयन हेतु बाध्यता न हो,न ही      कुछ विशिष्ठ पूर्वाग्रह ग्रसित सोच , किन्तु कुछ अच्छा पढ़ने का विचार भी हो , तो अपने आस पास की , बिना विशिष्ठ विषय के भी   कुछ विषय अपने आप में ही समेटे हुए , कुछ बातें , कुछ स्तरीय कृतियाँ , बाद में भले ही उन्हें   कहानी कह दीजियेगा , बस वही शैलेन्द्र जी की यह पुस्तक है। कथाकार :-              जीवन पर्यंत आजीविका के सिलसिले में यायावर बन इंजीनियरिंग सेवा के चलते देश के तमाम हिस्सों से तजुर्बों का सागर समेट   कर अब मात्र लेखन एवं पत्रकारिता को समर्पित , वरिष्ठ साहित्यकार शैलेन्द्र चौ

B-15B, Fourth floor By Sanjeev Kumar Gangwar

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  B-15B फोर्थ फ्लोर द्वारा: संजीव कुमार गंगवार प्रकाशक: साहित्य संचय क्यू पढ़ें :            प्रशासनिक सेवाओं में जाने के इक्षुक युवाओं द्वारा दिल्ली शहर की सुप्रसिद्ध कोचिंग संस्थानों में प्रवेश लेकर गहन तैयारी की जाती है। मुख्यतः उन्हीं युवाओं की उन कुछ वर्षों की ज़िदगी को बहुत करीब से रोचक अंदाज़ में प्रस्तुत किया है, व पुस्तक   स्वस्थ एवं हल्का फुल्का मनोरंजन प्रदान करती है किन्तु यह कहना या मान लेना की   पुस्तक हेतु   गंभीर पाठन अनिवार्य नहीं है युक्तिसंगत न होगा क्यूंकि पुस्तक जहाँ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रयासरत युवाओं के सरल, मस्तमौला,बेपरवाह दैनिक जीवन   का चित्रण प्रस्तुत करती है वहीं   उनकी जीवन एवं भविष्य के प्रति गंभीरता व निहित दर्शन एवं भाव भी अनदेखे करना संभव नहीं है।         शीर्षक:            लेखक ने एक लम्बा समय उसी कालोनी में बिताया   जिस परिवेश में इस कथानक का मूल है । कथानक में वास्तविकता के साथ साथ उस स्थान के विषय में भी पूर्ण जानकारी पाठक को देने हेतु ,पात्रों के जीवन को करीब से   समझने व कथानक में बहुत कुछ सच कुछ रोचकता व बहुत सारा युवाओं वाला जोश