Shabd Mere Bhaav Mere by Nirupama Singh
शब्द मेरे , भाव मेरे द्वारा: निरुपमा सिंह प्रकाशक:शुभदा बुक्स निरुपमा सिंह , साहित्य जगत के गलियारों का एक सुस्थापित नाम है जो किसी परिचय हेतु मोहताज़ नहीं हैं। विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार पत्रों, राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न मासिक एवं त्रैमासिक पत्रिकाओं इत्यादि में उनकी रचनाएँ प्रकाशित होती ही रहती हैं तथा साझा काव्य संकलन में भी उनकी रचनाएँ प्रकाशित हुयी हैं। पाठक वर्ग के बीच उनकी रचनाओं की सरलता को काफी पसंद किया जाता है , उनकी रचनाएं प्रबुद्ध पाठकों के काफी बड़े वर्ग द्वार पढ़ी एवं सराही जाती हैं। पाठक वर्ग से प्राप्त इस प्रतिसाद का मूल एवं एकमात्र कारण उनकी रचनाओं का सामान्य जीवनधारा से जुड़े हुए विषयों पर आम जन की भाषा में सुन्दरता से रचना सृजित करना ही है। उनकी रचनाओं की भाषा यूं तो सामान्य जन की सरल सहजगम्य भाषा ही है, किन्तु वे उपयुक्त स्थानों पर सुन्दर किन्तु आसान अलंकारिक शब्दों का प्रयोग कर कथ्य को और भी आकर्षक बना देनें में निपुण हैं। उस पर विशेषता यह कि अलंकरण पश्चात भी कथ्य वैसा ही सरल एवं सहज बना हुआ है और पाठक के दिल से जुड़ने में अलंकरण कहीं बाधा रूप में