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Nai Samiksha Ke Sopan By Rampal Shrivasrava

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 "नयी समीक्षा के सोपान" विधा : समीक्षा संग्रह  द्वारा : रामपाल श्रीवास्तव  शुभदा बुक्स द्वारा प्रकशित  प्रकाशन वर्ष  ;2025 मूल्य : 280.00 प्रतिक्रिया क्रमांक :   188 राम पाल श्रीवास्तव जी की समीक्षात्मक पुस्तक "नई समीक्षा के सोपान" निश्चय  ही साहित्य के क्षेत्र में उनका एक महत्वपूर्ण योगदान है . उनकी इस समीक्षात्मक कृति में कहानी, उपन्यास, लघुकथा, कविता तथा पत्रिकाओं पर स्वलिखित सामिक्षाओं को शामिल करा गया है । स्वलिखित  31  समीक्षात्मक लेख संकलित  किए  हैं जो पूर्व में विभिन्न  पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हो चुकी हैं,  रामपाल जी अपनी समीक्षाओं में निष्पक्षता एवं वस्तुनिष्ठता के साथ विशेषताओं को उजागर करते हुए वहीँ  कमियों पर भी सुधारात्मक टिप्पणी करते हुए अत्यंत बारीकी से विवेचन प्रस्तुत करते हैं जिससे पाठक को समीक्षा पढ़ते हुए ही पुस्तक पढने के विषय में अपना मत बनाने हेतु समस्त आवश्यक जानकारी उपलब्ध हो जाती है, किन्तु उनकी इस विवेचना में ऋणात्मक आलोचना जैसा भाव कदापि लक्षित नहीं होता अपितु उनकी स...

Dyodhi Se Vyom Tak By Dr. Monika Sharma

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 "ड्योडी से व्योम तक"  द्वारा : डॉ . मोनिका शर्मा  विधा : लघुकथा  श्वेतवर्णा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित  प्रथम संस्करण : 2025  मूल्य : 249.00 समीक्षा क्रमांक : 187 लघुकथा एक ऐसी साहित्यिक विधा है जिसमें एक छोटी और संक्षिप्त कथा के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया जाता है। यह एक ऐसी विधा है जिसमें लेखक अपने विचारों और भावनाओं को एक संक्षिप्त और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करता है।  हाँ यहाँ यह  कहना युक्ति युक्त होगा कि कहानी की तुलना में लघुकथा आकार में छोटी  होनी चाहिये किन्तु यह ज़रूर स्मरण रखा जाना चाहिए कि लघुकथा अपना मूल उद्देश्य ही न भूल जाये . कह सकते हैं कि लघुकथा एक ऐसी साहित्यिक विधा है, जिसमें लेखक अपनी रचनात्मकता और अभिव्यक्ति कि श्रेष्ठ कला का प्रदर्शन करता है। हिंदी साहित्य में लघुकथा की जड़ें प्राचीन काल में देखी जा सकती हैं, जब लोग मौखिक परंपरा के माध्यम से कहानियाँ सुनाते थे फिर वर्तमान में भी देखें तो लघुकथा के द्वरा विभिन्न लेखकों ने अपने विचारों और भावनाओं को प्रस्तुत करा  है जब लेखकों ने संक्षिप्त और प्रभावशा...

Morpankh By Praveen Banzara

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 मोरपंख  विधा : कहानी  द्वारा: प्रवीण बंजारा  हिन्दी साहित्य सदन  द्वारा प्रकाशित  प्रथम संस्करण : 2025  मूल्य : 200  समीक्षा क्रमांक : 186 प्रवीण बंजारा सृजित कहानी संग्रह “मोरपंख” पुस्तक में नाम के अनुरूप ही  सात सतरंगी कहानियाँ प्रस्तुत करी गई हैं । कहानियाँ सरल कथानक आधारित हैं तथा हमारे आस पास के रोजमर्रा  के जीवन में दिखने वाले पात्रों की कहानियाँ हैं, जिन्हें लेखक ने कुछ अंदर पैठ कर उन्हें और बेहतर समझने का प्रयास किया है।  सभी कहानियों  का भाव अलग अलग रूप लिए हुए है जो इस कहानी संग्रह के शीर्षक को पूर्णतः सार्थक बनाता है।     कहानी “दो एकांत”,  हमारे जीवन के एकांत और उस से जुड़े  बहुत सारे अनुत्तरित प्रश्नों के साथ क्या हम अपने स्वार्थवश,  मूक प्राणियों के संग, उनकी स्वतंत्रता के संग, उचित न्याय कर पाते हैं, और क्या समय रहते उचित निर्णय न लेना भी हमारी कोई विवशता या कमजोरी नहीं है,  विषयों  को अत्यंत भावुकता के संग प्रस्तुत किया है एक सुंदर एवं रोचक कथानक के माध्यम से, कहानी के द्...

Lutate Janmat Ki Aawaz By Davinder Dhar

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 "लुटते जनमत की आवाज" विधा : काव्य द्वारा : देवेंद्र धर बिंब प्रतिबिंब प्रकाशन द्वारा प्रकाशित  प्रथम संस्करण:  2025 मूल्य : 375.00 समीक्षा क्रमांक : 185 "जमीन तलाशते शब्द "(1992)  और " सुबगते पन्नों पर बहस" (2023) के  पश्चात अपने तीसरे काव्य संग्रह "लुटते जनमत की आवाज" के संग देवेन्द्र धर जी ने पुनः जनमानस को उद्वेलित कर देने वाली अपनी कविताओं की प्रस्तुति दी है। यथा पूर्व काव्य संग्रहों में भी देखा गया की देवेन्द्र जी आम जन के उस वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं जो अपनी कविताओं में न सिर्फ स्वप्न सँजोये हुए है, एक जागृत सभ्य सुंदर समाज का तथा उन स्वप्नों को यथार्थ में लाने के अपने स्वप्नों को ही शब्द रूप में लाकर अपनी कविताओं के द्वारा एक जनचेतना जागृत करने का  भरसक प्रयास करते हैं। उनकी कविता स्वप्न एवं वास्तविकता के बीच की कड़ी कही जा सकती  है। संवेदनशील कवि हैं , जनमानस की मुश्किलात् से बखूबी वाकिफ हैं साथ ही अपनी ओर से उन सोयों को जगाने का प्रयास करते हैं जो व्यवस्था एवं अन्याय की चाटुकारिता करते हुए या तो स्वयं को उसमें ढाल चुके हैं अथवा सुप्त...