Dear Tum Budhhu Ho By Arun Arnav Khare

डियर , तुम बुद्धू हो विधा: व्यंग्य द्वारा : अरुण अर्णव खरे इंक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण : 2025 मूल्य : 220 पाठकीय प्रतिक्रिया क्रमांक : 177 व्यंग्य लेखन एक ऐसी कला है जिसमें लेखक समाज , राजनीति , संस्कृति और अन्य विषयों पर कटाक्ष करता है , किन्तु अपने आदर्श रूप मे, आक्षेप व्यक्तिगत न हों एवं किसी की भावनाएं आहात न करते हों वही व्यंग्य श्रेष्ट माने जाते हैं। व्यंग्य लेखन में लेखक को अपनी बात कहने के लिए शब्दों का चयन अत्यंत सावधानी पूर्वक करना होता है जो तीखे और प्रभावी हों , लेकिन अपमानजनक या आहत करने वाले न हों। वरिष्ट व्यंग्य लेखक एवं अनेकोनेक बार विभिन्न साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं एवं मंचों द्वारा सम्मानित एवं विशिष्ठ पुरस्कारों द्वारा नवाजे जा चुके अरुण अर्णव खरे आज पैने धारदार व्यंग्य लेखन के क्षेत्र में एक मिसाल बन चुके हैं एवं साफ सुथरे किन्तु असरदार व्यंग्य हेतु बखूबी जाना पहचाना नाम हैं। अरुण जी के लेखन में हमें व्यंग्य की अमूमन समस्त विशेषताएं यथा व्यंग्यात्मक भाषा शैली , हास्य , कटाक्ष एवं स...