संदेश

सितंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Andhere Mein Se By Dalip kumar Pandey

चित्र
  अंधेरे में से   द्वारा : दिलीप कुमार पांडेय विधा :काव्य आस्था प्रकाशन द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण : 2023 मूल्य: 295 पृष्ट :   127 समीक्षा क्रमांक : 145                                                          दिलीप कुमार पांडेय जी की प्रस्तुति “अंधेरे में से” मेरे लिए उनसे परिचय करवाती उनकी पहली ही कृति है जबकि इस के पूर्व “उम्मीद की लौ” भी प्रकाशित हो चुकी है। जिसका पढ़ा जाना शेष है ।   काबिले तारीफ बात है यह है कि पंजाब के फगवाड़ा शहर से इतनी अच्छी हिंदी की रचना जिसमें दिल्ली और पंजाब की बोली का अहसास भी न हो , जब तक पुस्तक पढ़ी न थी, मुझे सच कहूं तो यकीन नहीं था। क्योंकि मैंने भी तकरीबन चार   वर्ष पंजाब राज्य के शहर होशियारपुर में बिताए हैं अतः वहां की हिंदी के स्तर से बखूबी वाकिफ हूं। हालांकि दिलीप जी की शैली पर कालजयी कवि गजानन माधव “मुक्तिबोध” की शैली की छाप स्पष्ट परिलक्षित होती है किन्तु दिलीप जी की की कृतियों में भाव भिन्नता है , पुस्तक का शीर्षक भी उनकी प्रसिद्ध कृति “अंधेरे मे” से मिलता हुआ होने से कुछ भ्रमित कर गया तथापि इतनी शुद्ध हिंदी के लेखन एवं त्

Rani Roopmati Ki chai Dukan By M K Madhu

चित्र
  रानी रूपमती की चाय दुकान एम के मधु की कविताएं विधा : कविता संग्रह द्वारा : एम . के . मधु     न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण वर्ष 2023 मूल्य : 225.00 समीक्षा क्रमांक : 144    एम के मधु, विख्यात वरिष्ठ साहित्यकार जिनके स्वयं के लेखन एवं प्रकाशित रचनाओं की लंबी फेहरिस्त है वहीं विभिन्न संस्थानों एवं मंचों से संबद्ध रहते हुए साहित्य जगत को अमूल्य   योगदान उन्होंने दिया है। मूलतः पत्रकारिता को अपना पेशा बनाने की चाहत से संबंधित शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात प्रख्यात   समाचार पत्रों हेतु पत्रकारिता करते हुए विभिन्न स्तरीय पत्रिकाओं में कविताएं एवं लेख प्रकाशित होते रहे और कालांतर में संपादन का कार्य भी अंजाम दिया। “रानी रूपमती की चाय   दुकान” मेरे लिए उनकी पहली कृति है। आम लीक से थोड़ा हटकर हैं उनकी रचनाएं। तुकांत मिलाना अथवा विशेषण आदि का प्रयोग नहीं दिखता। सहज भाव की अभिव्यक्ति है किंतु भावार्थ गूढ़ है। सामान्य प्रतीत होती रचना भी पुनः पढ़ने पर अन्य भाव दर्शाती है। उनकी कविता के पीछे गंभीर विचारण स्पष्ट दिखता है साथ ही यह भी की वे जो कहना चाह रहे है

Tum Mere Azeez Ho By Pankaj Trivedi

चित्र
  तुम मेरे अज़ीज़  हो: कविता संग्रह लेखक:  पंकज त्रिवेदी   विधा : कविता प्रकाशक : विश्वगाथा प्रथम संस्करण : अगस्त 2024 द्वितीय संस्करण :सितंबर   2024 मूल्य : 200/- समीक्षा क्रमांक : 143 विगत   चार दशकों से साहित्य जगत में अपनी निर्बाध सतत सक्रियता एवं विशिष्ट सहयोग के कारण अपनी पहचान बना चुके वरिष्ठ संपादक, लेखक   पंकज त्रिवेदी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।   उनके सृजन   में अभी तलक जहां हिन्दी एवं गुजराती भाषा में   कहानी संग्रह, निबंध संग्रह, लघु उपन्यास ,   सूक्तियाँ एवं अनूदित साहित्य आदि सम्मिलित थे वहीं अब इस कड़ी में नया मोती उनका सद्य प्रकाशित कविता संग्रह “तुम मेरे अजीज हो” है जिस के द्वारा उन्होंने अभी तक अनछुए कविता के क्षेत्र में भी अपनी सशासक्त उपस्थिति दर्ज करवा दी है। पुस्तक की रचनाओं से गुजरते हुए आप कहीं न कहीं उन कविताओं से स्वयम को जुड़ता हुआ पाएंगे जिनमें बेहद सरल सीधे और सच्चे भावों का सहज सम्प्रेषण है।     उनकी अधिकांश कविताओं से प्रेम की झलक अपने विभिन्न रूपों में मिलती है किन्तु उनका प्रेम भौतिकता से परे   जाकर भी अपना एहसास करवा रहा है।   प्रस्