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अप्रैल, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Yayavari By Arvind Kumarsambhav

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  “यायावरी” द्वारा : अरविन्द कुमारसंभव सबलपुर प्रकाशन जयपुर द्वारा प्रकाशित मूल्य : 300 प्रथम संस्करण : 2023 समीक्षा क्रमांक : 133    साहित्य जगत में सुविख्यात एवं अमूमन साहित्य की प्रत्येक विधा में उल्लेखनीय कार्य करते हुए लेखन कर्म से इतर भी साहित्य सेवा में स्वयम को आहूत कर चुकी शख्सियत हैं अरविन्द कुमारसंभाव जी। पर्यटन विषय पर लिखित समीक्षाधीन पुस्तक “यायावरी” से उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में कविता उपन्यास इत्यादि से कुछ अलग लिख कर युवा नई पीढ़ी के साहित्यकारों को भी एक नई दिशा दिखलाई है। अरविन्द जी को हिन्दी साहित्य जगत में ,   अलग से किसी परिचय की दरकार ही नहीं है साहित्य को अपने अमूल्य योगदान एवं साहित्य संबंधित अन्य   श्रेयस्कर कार्यों   के द्वारा वे अब आइकन   बन गए हैं। जहां एक ओर वे स्वयम विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं वहीं साहित्य से जुड़े हुए विभिन्न कार्यक्रमों में भी उनकी सक्रियता एवं अमूल्य योगदान प्रशंसनीय है।          साहित्य के क्षेत्र में उनकी सक्रियता एवं योगदान का ही प्रभाव है जो आज वे साहित्य जगत में शिखर पर हैं एवं स्तरीय

Hargovind Puri Chayanit Kavitayen

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  समकाल की आवाज हरगोविंद पुरी - चयनित कविताएं द्वारा : हरगोविंद पुरी विधा : काव्य New World Publication द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण : 2024 मूल्य : 225 समीक्षा क्रमांक : 132 हरगोविंद पुरी जी एक जानेमाने साहित्यकार हैं जिनके विभिन्न एकल कविता संग्रह अभी तक प्रकाशित हो चुके हैं यथा 2021 में पिता की नींद 2022 में “उदास आंखों के सपने” “कविता बोलती है” “मां का आंचल”, साथ-साथ संयुक्त कविता संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं जैसे “लव इज़ लाइफ” और युद्ध पर आधारित कविताओं का संयुक्त कविता संग्रह “दो महाभारत”।   आगे बेटी और पिता के रिश्तों के ऊपर जहां एक कविता संग्रह उनके शीघ्र प्रकाशित होने वाला है वही उनकी अन्य कविताओं में जैसा कि हमने देखा उनका जमीन से जुड़े हुए होनेकी बात की तस्दीक करता सिर्फ किसानों पर लिखी गई कविताओं का संग्रह अभी प्रकाशनाधीन है। समय समय पर उनकी रचनाएं विभिन्न स्थापित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं एवं होती रहती हैं। उनकी रचनाएं सरल सहज एवं बोधगम्य हैं कही किसी भी प्रकार की क्लिष्टता   नहीं है, न ही शब्दों में, न ही विचारों में और यह बात उनके वकालत के पेशे से

Anjuri Bhar Neh By Renu Gupta

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  अंजुरी भर नेह विधा: उपन्यास   द्वारा : रेणु   गुप्ता बोधरस प्रकाशन द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण   : 2024 मूल्य              : 290 .०० समीक्षा क्रमांक : 131 रेणु जी को पढ़ना हर बार कुछ विशेष है। पहले लघुकथा संग्रह “आधा है चंद्रमा” पढ़ा था जिसके विषय में मैंने कहा भी था की वह किसी भी तरह से गागर में सागर से कमतर नहीं है। प्रस्तुत नवीनतम उपन्यास “अंजुरी भर नेह” पढ़ कर लगा की उनके लेखन के विषय   में मेरे द्वारा पूर्व में की गई टिप्पणियाँ शत प्रतिशत सत्य साबित हुई हैं।   वे मूलतः गद्य पक्ष पर केंद्रित करती हैं एवं जहां एक ओर लघुकथाएं , कहानियाँ,   लेख इत्यादि से वे साहित्य को समृद्ध कर रहीं हैं जो विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में समय समय पर प्रकाशित हुए हैं एवं होते रहते हैं वहीं आज के समय की विधाएं कहना अधिक उपयुक्त होगा तो उनमें भी यथा ब्लॉग , वेब सीरीज इत्यादि पर भी वे अपनी सतत उपस्थिति दर्ज करवाती रहती हैं। उनकी सद्य प्रकाशित नवीनतम कृति , “ अंजुरी भर नेह”  के द्वारा उन्होंने उपन्यास की विधा में भी अपनी सशक्त आमद दर्ज करवा दी है। कथानक एवं लेखन के अन्य बिंदुओं पर चर्चा करने क

Prithvi Failati Hai Pankh By Suresh Singh

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  पृथ्वी फैलाती है पंख द्वारा     : सुरेश सिंह   विधा    :     कविता न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित मूल्य :  225.00 प्रथम संस्करण : 2024 समीक्षा क्रमांक : 130     पहले “भव्यः मकड़जालं” और अब “पृथ्वी फैलाती है पंख” कुछ अलग से , और कुछ नयापन लिए हुए शीर्षक वरिष्ठ कवि प्रो सुरेश सिंह के काव्य संग्रहों के हैं जिनसे रूबरू होने का मौका मुझे मिला और जाना की मात्र शीर्षक ही नहीं उनकी कविता का   तो हर शब्द कुछ नया कुछ भिन्न सा   कह जाता है।     इस वरिष्ट कवि की शख्शियत में बसने वाले भाव ही हमें शब्द रूप में तर्कपूर्ण ढंग से व कहीं प्रहार करते हुए तो कहीं ध्यानाकृष्ट करते हुए या फिर सहज ही अत्यंत   शांति से अपनी बात रखते हुए नजर आ   जाते   है। सुंदर कविताओं में ढल कर कविता के रूप में नज़र आते ये भाव उनके अंदर के मुखर सजग एवं सचेत व्यक्तित्व को आसान से शब्दों में परिभाषित कर देते है।   उनकी कविता   सहज. सुलझे हुए स्पष्ट विचारों के शब्दरूप ही हैं। वे अपने कथन को लेकर स्पष्ट एवं सुलझे हुए हैं एवं यही मात्र कारण है की उनकी अभिव्यक्ति में कहीं भी भटकाव. अथवा अस्पष्टता नहीं दिख