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CHAUMASA BY RAVINDRA KANT TYAGI

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  चौमासा “चौमासा” द्वारा : रवींद्र कान्त त्यागी विधा : उपन्यास PENMAN INFOTECH द्वारा प्रकाशित संस्करण : प्रथम 2021 पृष्ट संख्या 149 मूल्य : Rs. 300   समीक्षा क्रमांक : 115 रवींद्र कान्त त्यागी जी दीर्घ काल से साहित्य लेखन कार्य से सम्बद्ध हैं, एवं जीवन का लंबा समय विकसित एवं बड़े शहरों में व्यतीत करने के बाद हाल फिलहाल     पुनः   अपनी मिट्टी व अपने अपनों के बीच हैं, उनके कथ्य को देखकर उनका अपनी मिट्टी से जुड़ाव सहज ही जाहिर हो जाता है।   न सिर्फ जमीन से जुड़े हुए लेखक हैं अपितु लेखन उनकी नैसर्गिक रुचि है अतः उम्र उन के लेखन   पर   काभी भी हावी नहीं हो पाई एवं बचपन से लेकर आज तक अनवरत वे लिख रहे है। राजनैतिक क्षेत्र में भी उनका महत्वपूर्ण दखल रहा एवं उस क्षेत्र को   उन्होनें बेहद नजदीक से देखा समझ एवं अनुभव किया तथा यही कारण है की उच्च स्तर से लेकर ग्राम्य स्तर की राजनीति की बात भी वे इतनी वास्तविकता एवं सहजता से बयान कर जाते की पाठक को यह कहानी न मालूम हो कर वास्तविक घटनाक्रम की आँखों देखि प्रस्तुति जान पड़ती है।     दीर्घ कालीन लेखन से उनकी शैली परिमार्जित होना स्वाभावि

Baal Katha Sagar By Devendra

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  “ बाल कथा सागर ” बाल कथा सागर विधा : बाल कथा संग्रह     द्वारा : देवेन्द्र प्रलेख प्रकाशन द्वारा प्रकाशित मूल्य: 500.00 पृष्ट: 220 प्रथम संस्करण : 2023 समीक्षा क्रमांक : 114 “बाल कथाएं” आम तौर पर बच्चों के लिए लिखी जाने वाली कहानियां होती हैं। इन कथाओं का स्वरूप बच्चों की रुचि को ध्यान में रखते हुए आकर्षक , सरल , और समझने में आसान होता है। आकार की दृष्टि से भी , यह छोटी छोटी कहानियां होती हैं जो बच्चों की रूचि , शिक्षा , और मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए लिखी जाती हैं। वर्तमान विकसित साधन सम्पन्नता   एवं तकनीकि क्षेत्र की अभूतपूर्व प्रगति के चलते आज के बच्चों की पसंद में भी व्यापक परिवर्तन देखने को मिलता है। अब वे कुछ भिन्न प्रकार की कहानियों को पसंद करते हैं। उन्हें फैंटेसी , एक्शन , विज्ञान व अंतरिक्ष के भेद जैसे विषय अधिक पसंद आते हैं। पूर्व कालीन परी कथा , जादूगर के किस्से , राजा एवं राक्षस के युद्ध, राजकुमारी का अपहरण व राजकुमार द्वारा बचाकर लाना जैसे किस्से व अन्य प्रेरक , रोमांचक , स्वतंत्रता सैननियों के , क्रांतिकारियों के जीवन परिचय और सामाजिक संदेश

Mere Pratinidhi Hasya-Vyangya BY Arun Arnav Khare

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  मेरे प्रतिनिधि हास्य व्यंग्य   मेरे प्रतिनिधि हास्य व्यंग्य द्वारा : अरुण अर्णव खरे विधा : व्यंग्य कथाएं नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित मूल्य : 240.00 पृष्ट संख्या :117 समीक्षा क्रमांक :   113                                                      व्यंग्य विधा साहित्य सृजन की वह विधा है, साहित्य सृजन का ऐसा खंड है जिसमें या तो किन्हीं घटनाओं के परिदृश्य में निहित कारणों का इस विधि आलोचनात्मक विवेचन किया जाता है कि उसमें कटाक्ष , हास्य , आलोचना एवं तीक्ष्ण व्यंग्य निहित होता है, अथवा किसी विषय विशेष पर व्यंग्यात्मक तीक्ष्ण टिप्पणी की जाती है। व्यंग्य लेखन की भाषा एवं शैली अत्यंत संतुलित सहजगम्य एवं पैनी धारदार होना अनिवार्य होता है, ताकि संदर्भित विषय पर कटाक्ष तो हो ही उसमें हास्य एवं व्यंग्य के संग संग विचारण हेतु मुद्दे भी व्यंग्यकार द्वारा पाठक को दिए जा सकें। व्यंग्य विधा एक ऐसी कला है जिसमें व्यंग्यकार या कवि तानाशाही , समाजिक दुर्दशा , राजनैतिक एवं परस्पर विवाद   तथा समाज के विभिन्न विषयों को हास्य , तीक्ष्णता , और विवेक के साथ व्यक्त करते हैं। इसमें वाक्यांशों क

Bache Huye Prisht By Rampal Shrivastav

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  “बचे हुए पृष्ट   "   “बचे हुए पृष्ट” द्वारा : राम पाल श्रीवास्तव विधा : आलेख शुभदा बुक्स द्वारा प्रकाशित पृष्ठ संख्या : 181 मूल्य : 320.00 समीक्षा क्रमांक : 112   समय समय पर उपजी भिन्न भिन्न राजनीतिक परिस्थितियों एवं उनसे संबद्ध ज़ुदा जुदा परिवेशों पर एवं विभिन्न ज्वलंत मुद्दों तथा ऐसी   घटनाओं पर    जिन्हें हम जान बूझ कर अनदेखा करते हुए आगे बढ़ जाते हैं, लिखित 51 आलेखों का संग्रह है, “बचे हुए पृष्ट”, जो वरिष्ट साहित्यकार राम पाल जी के पत्रकारिता के क्षेत्र में एवं बतौर साहित्यकार उनके दीर्घकालीन अनुभव एवं गंभीर विचारण के द्योतक हैं। पुस्तक की विषय वस्तु के विषय में कुछ कहा जाए उसके पूर्व एक विशिष्ठता की ओर ध्यानकर्षित कर दूँ की पुस्तक में कहीं किसी विशेष धारा की ओर झुकाव अथवा पक्षपात परिलक्षित नहीं होता। राम पाल जी जिस किसी भी विषय या घटना को केन्द्रित कर लिखते हैं उस वख्त मन में उपजे विचार एवं भावों को शब्द रूप में प्रकट कर देना उनकी सहज   शैली है जो सरल एवं सुगम्य होते हुए भी विशिष्ट बन जाती है।   सहज रूप मे भाव अथवा विचार उन्हें मन के भावों से प्राप्त होते है