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नवंबर, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Coaching @ Kota By Arun Arnav Khare

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  उपन्यास : कोचिंग @कोटा कोचिंग @कोटा द्वारा : अरुण अर्णव खरे   ए पी एन पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित (प्रथम संस्करण 2019) मूल्य : 180 .00 पृष्ट संख्या     : 130 समीक्षा क्रमांक   : 103 विगत कुछ वर्षों में राजस्थान का कोटा शहर एक विशाल शैक्षणिक केंद्र के रूप में उभर कर सामने आया है । देश के प्रीतिष्ठित इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कालेजों में प्रवेश हेतु बढ़ती गला काट   स्पर्धा के बीच कोटा के कोचिंग संस्थान सफलता की एक गारंटी     बनकर उभरे हैं । अभिभावकों एवं छात्र छात्राओं की मानसिकता “कोटा में पढे बगैर प्रवेश नहीं” वाली बन गई जिसका भरपूर फायदा चंद कोचिंग संस्थानों को मिला   है, एवं वर्तमान में तो कोचिंग संस्थानों की बाढ़ सी आ चुकी है कोटा शहर में । चंद कोचिंग संस्थानों नें काफी नाम भी कमाया है एवं परिणामस्वरूप सम्पूर्ण राष्ट्र से किन्तु विशेष   तौर पर राजस्थान के समीपवर्ती   राज्यों यथा मध्य प्रदेश , गुजरात , उत्तर प्रदेश से आने वाले किशोरों की संख्या बहुलता से है एवं विगत कुछ   वर्षों में उत्तर एवं पूर्वोत्तर भारत से आने वाले छात्रों   की संख्या में भी बहुत ज्यादा इजाफा   हुआ है । हाल

Coffee with Krishna by Bharat Gadhvi

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  कॉफी   विद कृष्ण द्वारा : भरत गढ़वी FLYDREAMS   पब्लिकेशन्स द्वारा प्रकाशित मूल्य : 220.00 पृष्ट   : 160 प्रथम संस्करण : सितंबर 2023 पुस्तक समीक्षा क्रमांक :102   युवा साहित्यकार भरत गढ़वी साहित्य के क्षेत्र में सद्य उदित सशक्त हस्ताक्षर हैं जिन्होनें अपनी विविधता एवं शैली के चलते पाठक वर्ग पर छाप छोड़ी है विशेषतौर पर युवाओं के बीच में अपने कार्य हेतु बखूबी पहचाने जाते हैं। पूर्व में उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हुई जिनमें “ ज़िन्दगी स्टोर” , उनकी शेरो-शायरी का संग्रह है जिसके ज़रिये उन्होंने साहित्य की इस विधा में भी अपनी आमद दर्ज करवा दी है जबकि उ सके पूर्व उन्होंने तीन युवतियों की कहानी के माध्यम से  युवाओं के सपनों एवं उनकी उड़ानों पर केन्द्रित एक उपन्यास “ड्रीम जर्नी “ प्रस्तुत किया था जिसे सुधि पाठकों विशेष तौर पर युवा वर्ग का अच्छा प्रतिसाद मिला था। गढ़वी जी की यह मात्र   तीसरी ही पुस्तक है किंतु जिस परिपक्वता एवं लेखन क्षमता का परिचय उन्होंने दिया है वह काबिले तारीफ होते हुए, उनके उज्ज्वल भविष्य का द्योतक भी है । उनकी पिछली दोनो पुस्तकों को भी मैने पढ़ा है एवं निश्चय ही

Andhere Ke Khilaf By Ram Pal Shrivastav

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अँधेरे के खिलाफ़ समीक्षा क्रमांक 101 “ अँधेरे के खिलाफ़ ” काव्य संग्रह द्वारा : राम पाल श्रीवास्तव ‘अनथक’ समदर्शी प्रकाशन गाजियाबाद द्वारा प्रकाशित पृष्ट संख्या : 128 मूल्य : Rs.   200.00 “ खाबे हस्ती मिटे तो हमारी हस्ती हो , वरना हस्ती तो खाब ही की है ” जब जीवन की विसंगतियाँ और त्रासद स्थितियाँ सामने आती हैं , तो कविता प्रस्फुटित एवं उच्चारित होती है   अपनी पुस्तक का परिचय करवाते हुए एवं प्रस्तुत काव्य संग्रह की कविताओं के विषय में ये विचार स्वयं   रामपाल श्रीवास्तव जी के हैं,   वे कहते हैं की कवि वास्तविक जीवन के निकट पहुंचता है और सच्चाई की ओर समाज की रहनुमाई करता है। अपनी पीड़ा , वेदना और व्यथा का उद्घाटन करता है। अंधेरे के खिलाफ़ लड़ने के लिए समुचित वातावरण और धरातल निर्मित करने की ओर उन्मुख होता है। द हकते अंगार उत्पन्न कर सकूँ पैशाचिक प्रवृत्ति का दलन कर डालूँ उन सभी का शमन कर सकूँ जो साज संभार में बाधक बनें सभी का अंत कर डालूँ सभी का जीवन बना डालूँ संग्रह की कविता “सुन शब्द” की उपरोक्त पंक्तियों से हमें उनके भाव को समझने में काफी सहायता मिलती है।