Zindagi Unlimited By Zareen Aara
ज़िंदगी unlimited विधा : आत्मकथा द्वारा: जरीन आरा प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित मूल्य : 400/- समीक्षा क्रमांक :146 आज बात एक आत्मकथा की, और वह भी एक ऐसी लड़की की आत्मकथा जो साधारण लड़की तो कदापि नहीं, वह तो जमाने से अलग एक दिलचस्प जिंदादिल लड़की है। वह तमाम मुशकिलात के बाद भी जिंदगी को पूरी तरह से जीने में यकीन करती है आसमान की ऊंचाइयों को पाना चाहती है वह चाहती है उच्च शिक्षा प्राप्त करना , वह चाहती है फैशन डिजायनर बनाना अथवा एंकर बनना और अपने जीवन के हर उस पल को भरपूर जीती है जो बीमारी की परेशानियों के बीच उसे हासिल हो पता है। वह एक पल भी व्यर्थ नहीं जाने देती। वह एस.एम.ए. 2 बीमारी से पीडि़त जरूर थी पर उसने बीमारी को कभी अपनी ज़िंदगी जीने के फलसफे के बीच नहीं आने दिया। इस बीमारी के चलते वह अपनी छोटी से छोटी गतिविधि के लिए भी यथा करवट लेना अथवा गर्दन हिलना आदि के लिए भी दूसरों पर निर्भर थी और फिर कमजोर श्वसन तंत्र के चलते बार बार संक्रमित हो जाने के कारण उसका अधिक समय तो हस्पताल में ही बीतता था , लेकिन उसने अपनी शारीरिक परेशानी को कभी भी अपनी खुशी एवं अप