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Gunah By Shakuntala Brijmohan

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  गुनाह   विधा : कहानी द्वारा : शकुंतला ब्रजमोहन विश्व बुक्स द्वारा प्रकाशित   मूल्य: 55/- तृतीय संस्करण :   2010 पाठकीय प्रतिक्रिया क्रमांक :  153   प्रस्तुत पुस्तक "गुनाह" कुल जमा 15 कहानियों का संग्रह है , जो आकार में लघुकथा से कुछ ही बड़ी हैं किंतु कथानक प्रभावी है एवं कहन रोचक तथा सरल है । इसके पहले कभी   लेखिका का कोई अन्य कार्य देखने में नहीं आया एवम पुस्तक पर भी उन का कोई विवरण उपलब्ध नहीं है। तात्पर्य यह की प्रस्तुत कहानी संग्रह किसी नामचीन्ह रचनाकार की कृति है ऐसा तो नहीं लगता किंतु कहानियां अपनी पहचान बनाने में अवश्य ही कामयाब हुई हैं।   साथ ही संस्करण भी तकरीबन 15 वर्ष पुराना मैं पढ़ रहा हूँ अतः लेखिका के विषय में बहुत ज्यादा जानकारी न हो पाना सामान्य ही है।       रचनाकार से इतर बात रचनाओं की करें, तो कहन प्रभावी है तथा शैली एवं विषय कथानक के प्रति जुड़ाव एवम संबद्धता निर्मित करते हैं। विषय में विविधता   देखने को मिलती है साथ ही कम शब्दों में विचारों की स्पष्टता , वाक्यों का सुंदर गठन एवम संवादों की बेहतरीन अदायगी कहानी को रुचिकर बनाती हैं। संग

ASIA KI LOK KATHAYEN BY RAMESH KHATRI

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  एशिया की लोक कथाएं द्वारा रमेश खत्री विधा : कहानी संकलन मोनिका प्रकाशन जयपुर द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण : 2022 मूल्य: 350.00 पाठकीय प्रतिक्रिया क्रमांक : 152   वरिष्ट लेखक संपादक एवं प्रकाशक रमेश खत्री जी   द्वारा प्रस्तुत पुस्तक “एशिया की लोक कथाएं” तकरीबन 20 राष्ट्रों की लोक कथाओं का संकलन है। जिसमें लेबनान, रशिया, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, मलेशिया, इज़राइल, साइप्रस, उज्बेकिस्तान, कंबोडिया, यूनान, जापान, मॉरीशस, तिब्बत आदि देशों की लोक कथाओं को सँजोया गया है। इतनी विभिन्न संस्कृतियों   की लोक कथाएं एक ही पुस्तक में प्राप्त होना ही अपने आप में अत्यंत सुखद है एवं खत्री जी का भागिरथी प्रयास सराहनीय। पुस्तक के विषय में कुछ बात करें उसके पहले यह जान लेना आवश्यक   है की लोक कथाएं क्या हैं। अत्यंत सरल एवं साधारण रूप में कहा जा सकता है कि लोक कथाएं ऐसी कहानियाँ हैं जो पीढ़ियों से मौखिक रूप से सुनाई जाती हैं और समाज में लोकप्रिय होती हैं। ये कहानियाँ अक्सर पारंपरिक ज्ञान , मूल्यों , और संस्कृति को प्रस्तुत करती हैं और समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं एवं काफी हद तक सामाज

Shoony Kaal Jo Suna Nahin Gaya By M K Madhu

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  शून्यकाल जो सुना नहीं गया   द्वारा एम के मधु   विधा : कविता संग्रह   सर्वभाषा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित   प्रथम संस्करण वर्ष    2022 मूल्य :  150.00 पाठकीय प्रतिक्रिया क्रमांक : 151 एम के मधु , मूलतः बिहार से आते हैं किन्तु उनकी कर्मभूमि किसी क्षेत्रविशेष से संबद्ध नहीं रही न ही उनका लेखन किसी विशिष्ट विधा अथवा क्षेत्रीयता के दायरे में सिमटा एवं साहित्य जगत में उन्होनें अपनी श्रेष्ट रचनाओं के द्वारा अपना विशिष्ट स्थान बनाया है। वे विभिन्न साहित्य संस्थानों जुड़े हुए हैं एवं साहित्य जगत को उनका योगदान अविस्मरणीय है। प्रारंभ में उनका झुकाव पत्रकारिता की ओर था किन्तु पत्रकारिता जो अपनी राह चलती चली कालांतर में उनका पहला प्यार प्रख्यात   समाचार पत्रों हेतु पत्रकारिता करते हुए लेखन की ओर झुक गया फलस्वरूप   विभिन्न स्तरीय पत्रिकाओं में कविताएं एवं लेखन करते रहे जो बाद में   कहा जा सकता है पूर्णकालिक कार्य हो गया जहां उन्होंने संपादन का कार्य भी किया । “शून्य काल जो सुना नहीं गया” वरिष्ट कवि साहित्यकार निर्देशक एवं पत्रकार के साथ साथ एक मुखर प्रखर एवं सुलझे हुए विचारों के धनी म

ULTI GANGA BY PRAVEEN JHA

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  उल्टी गंगा द्वारा : प्रवीण झा विधा : कहानी संग्रह मैंड्रेक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित संस्करण : 2021 मूल्य : 195/= पाठकीय प्रतिक्रिया क्रमांक : 150 Top of Form प्रवीण कुमार झा मेरे लिए एक ऐसा नाम है जो सुन तो बहुत गया था किन्तु पूर्व में उनकी किसी पुस्तक से रूबरू होने का अवसर अभी तक नहीं   आया था तो उन्ही की कहानियों का संग्रह है उनकी पुस्तक “उलटी गंगा”।   यदि सच कहूँ तो पुस्तक को   यूं तो उस के कवर को देख कर ही चुना गया था पढ़ने के लिए किन्तु बाद में लेखक के विषय में भी जानकारी निकाली गई (जिसका बड़ा हिस्सा तो पुस्तक के पृष्ट पर मिल ही जाता है अतः इसमें मेरा कोई विशेष शोध नहीं रहा) तो पता चला की इन्हें पढ़ने में दरअसल मै ही पिछड़ गया हूँ। युवा लेखक हिन्दी   और अंग्रेजी में बहुतेरी पुस्तकें लिख चुके हैं एवं पेशे से एक चिकित्सक हैं साथ ही ऐसे लेखक हैं जो विभिन्न विधाओं   में लेखन कार्य करते रहते हैं। मूलतः   बिहार से हैं एवं विभिन्न राष्ट्रों में प्रवास करते हुए संप्रति नार्वे में निवास कर रहे हैं।   उनकी पहली पुस्तक ' चमनलाल की डायरी ' काफी सराही गई थी एवं बेस्ट-स

PAANI KA PANCHNAMA BY ARUN ARNAV KHARE

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  पानी का पंचनामा   द्वारा : अरुण अर्णव खरे   विधा: उपन्यास   सुरभि   प्रकाशन द्वारा प्रकाशित   प्रथम संस्करण : 2024 मूल्य: 350.00 पाठकीय प्रतिक्रिया क्रमांक :  149   शासकीय विभागों की कार्यशैली से अमूमन हर कोई वाकिफ है गोया की गाहे बगाहे हर किसी का कभी न कभी वास्ता पड़   ही   जाता है इन विभागों से। यही कारण है की विभागों की कार्यशैली से, कर्मचारियों के कार्य व्यवहार वर्ताव एवम प्रणाली   से सभी बखूबी वाकिफ हैं किंतु वरिष्ट साहित्यकार अरुण अर्णव खरे जो ता-उम्र एक इंजीनियर के दायित्व निभाते हुए साहित्य सृजन में भी सक्रिय रहे हैं और आज विशेषतौर पर वे व्यंग्य के क्षेत्र में चिरपरिचित व सशक्त हस्ताक्षर हैं ,उनके विभिन्न कहानी संग्रह जैसे ‘पीले हाफ पेंट   वाली लड़की” , “उफ्फ ये एप्प के झमेले” , “कोचिंग @ कोटा”, “मेरे प्रतिनिधि हास्य व्यंग्य”, “चार्ली चैपलिन ने कहा था”   बेहद चर्चित हुए व साहित्य प्रेमियों द्वारा बहुत सराहे गए। उनकी रचनाएँ देश की लगभग हर पत्रिका   में प्रकाशित होती   रहती हैं   व्यंग्य उपन्यास ,   साझा संकलन ,   लघुकथा संकलन इत्यादि जिनकी फेहरिस्त काफी लंबी है

Trahimam Yuge Yuge By Ram Pal Shrivastava

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  त्राहिमाम युगे युगे विधा : उपन्यास लेखक : राम पाल श्रीवास्तव   प्रकाशक : न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन नई दिल्ली   प्रथम संस्करण : 2024 मूल्य : 425 रुपए   पाठकीय प्रतिक्रिया क्रमांक : 14 8   सर्व प्रथम यह स्पष्ट कर दूँ की पुस्तक के विषय में यह   मेरी सहज प्रतिक्रिया है जिसका एक मात्र उद्देश्य पुस्तक के विषय में अपनी बात कहना और प्रबुद्ध इक्षुक पाठक को पुस्तक के विषय में बतलाना है, अतः भाषा की सहजता, सरल वाक्य विन्यास से इतर किसी प्रकार के पांडित्य एवं गंभीर साहित्यिक जुमलों की अपेक्षा न करें। भविष्य में भी मेरा प्रयास यही होगा की पढ़ी गई   पुस्तक की इतनी जानकारी आप को दे सकूँ की आप पुस्तक के विषय में अपनी राय बना सकें एवं पढ़ने संबंधित निर्णय ले सकें। मेरी पाठकीय प्रतिक्रियाओं (जिन्हें प्रबुद्ध जनों   के कहने पर मैं मूढ़मति समीक्षा कहता और समझता समझाता रहा ) के   द्वारा मुझसे जुड़े तमाम मित्र जानते ही हैं इस के पूर्व भी रामपाल श्रीवास्तव जी की विभिन्न पुस्तकों के विषय में मैने आपसे चर्चा की है। तात्पर्य यह की हम सभी उनसे एवम उनके कृतित्व से बखूबी परिचित हैं और इस बार अवसर है उन

Us Din By Poonam Ahmed

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  उस दिन   द्वारा :   पूनम अहमद   विधा :   आत्मकथा अद्विक पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित   संस्करण : प्रथम 2024 मूल्य : 220 समीक्षा क्रमांक :  147   पूनम जी की कई पुस्तकें अभी तक पढ़ीं ,   उन पर लिखा भी ,   और उनकी पहली पुस्तक पढ़ने के समय से ही उनके अंदाज़े बयां का मुरीद हूं, और अब जो उन्होंने अपनी कहानी या कहें जीवन के संस्मरण   “उस दिन” शीर्षक से पुस्तक के रूप में सँजोये हैं    उस पर तो कुछ कहने की आवश्यकता ही नहीं। बस यही कहना काफी होगा लिखने के तरीके के लिए और   लिखने की सहजता के लिए पढ़ा जाना चाहिए। भाव तो उनके कहन में सहज ही आ गए और इस पुस्तक के प्रारंभिक   संस्मरण   जैसे “उस दिन” और पिता से आखरी मुलाकात में तो भावनाओं का दरिया आपको अपने साथ सहज ही बहा ले जाता है। उस दिन ,   आम   इंसान की जिंदगी में जो कुछ बीतता है उसे इतने खूबसूरत तरीके से भी बतलाया जा सकता है यह इस पुस्तक को पढ़ कर ही पता लगा। अपने विषय में लिखते हुए यह एक आदर्श नैतिक बाध्यता अथवा अनिवार्यता होती है की     व्यक्ति अपने साथ साथ   सबके प्रति भी ईमानदार बना रहे ,   और सच्चाई तथा बेबाकी से अपनी और अपनों