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Us Din By Poonam Ahmed

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  उस दिन   द्वारा :   पूनम अहमद   विधा :   आत्मकथा अद्विक पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित   संस्करण : प्रथम 2024 मूल्य : 220 समीक्षा क्रमांक :  147   पूनम जी की कई पुस्तकें अभी तक पढ़ीं ,   उन पर लिखा भी ,   और उनकी पहली पुस्तक पढ़ने के समय से ही उनके अंदाज़े बयां का मुरीद हूं, और अब जो उन्होंने अपनी कहानी या कहें जीवन के संस्मरण   “उस दिन” शीर्षक से पुस्तक के रूप में सँजोये हैं    उस पर तो कुछ कहने की आवश्यकता ही नहीं। बस यही कहना काफी होगा लिखने के तरीके के लिए और   लिखने की सहजता के लिए पढ़ा जाना चाहिए। भाव तो उनके कहन में सहज ही आ गए और इस पुस्तक के प्रारंभिक   संस्मरण   जैसे “उस दिन” और पिता से आखरी मुलाकात में तो भावनाओं का दरिया आपको अपने साथ सहज ही बहा ले जाता है। उस दिन ,   आम   इंसान की जिंदगी में जो कुछ बीतता है उसे इतने खूबसूरत तरीके से भी बतलाया जा सकता है यह इस पुस्तक को पढ़ कर ही पता लगा। अपने विषय में लिखते हुए यह एक आदर्श नैतिक बाध्यता अथवा अनिवार्यता होती है की     व्यक्ति अपने साथ साथ   सबके प्रति भी ईमानदार बना रहे ,   और सच्चाई तथा बेबाकी से अपनी और अपनों

Zindagi Unlimited By Zareen Aara

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  ज़िंदगी unlimited विधा : आत्मकथा        द्वारा: जरीन आरा   प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित मूल्य : 400/- समीक्षा क्रमांक :146    आज बात एक आत्मकथा की, और वह भी एक ऐसी लड़की की आत्मकथा  जो साधारण लड़की तो कदापि नहीं, वह तो जमाने से अलग एक दिलचस्प जिंदादिल लड़की है। वह तमाम मुशकिलात के बाद भी जिंदगी को पूरी तरह से जीने में यकीन करती है आसमान की ऊंचाइयों को पाना  चाहती है वह चाहती है उच्च शिक्षा प्राप्त करना ,  वह चाहती है फैशन डिजायनर बनाना अथवा एंकर बनना और अपने जीवन के हर उस पल को भरपूर जीती है जो बीमारी की परेशानियों के बीच उसे हासिल हो पता है। वह एक पल भी व्यर्थ नहीं जाने देती। वह एस.एम.ए. 2 बीमारी से पीडि़त जरूर  थी पर उसने बीमारी को कभी अपनी ज़िंदगी जीने के फलसफे के बीच नहीं आने दिया। इस बीमारी के चलते वह अपनी छोटी से छोटी गतिविधि के लिए भी यथा करवट लेना अथवा गर्दन हिलना आदि के लिए भी दूसरों पर निर्भर थी और फिर कमजोर श्वसन तंत्र के चलते बार बार संक्रमित हो जाने  के कारण उसका अधिक  समय तो हस्पताल में ही बीतता था , लेकिन उसने अपनी शारीरिक परेशानी को कभी  भी  अपनी खुशी एवं अप

Andhere Mein Se By Dalip kumar Pandey

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  अंधेरे में से   द्वारा : दिलीप कुमार पांडेय विधा :काव्य आस्था प्रकाशन द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण : 2023 मूल्य: 295 पृष्ट :   127 समीक्षा क्रमांक : 145                                                          दिलीप कुमार पांडेय जी की प्रस्तुति “अंधेरे में से” मेरे लिए उनसे परिचय करवाती उनकी पहली ही कृति है जबकि इस के पूर्व “उम्मीद की लौ” भी प्रकाशित हो चुकी है। जिसका पढ़ा जाना शेष है ।   काबिले तारीफ बात है यह है कि पंजाब के फगवाड़ा शहर से इतनी अच्छी हिंदी की रचना जिसमें दिल्ली और पंजाब की बोली का अहसास भी न हो , जब तक पुस्तक पढ़ी न थी, मुझे सच कहूं तो यकीन नहीं था। क्योंकि मैंने भी तकरीबन चार   वर्ष पंजाब राज्य के शहर होशियारपुर में बिताए हैं अतः वहां की हिंदी के स्तर से बखूबी वाकिफ हूं। हालांकि दिलीप जी की शैली पर कालजयी कवि गजानन माधव “मुक्तिबोध” की शैली की छाप स्पष्ट परिलक्षित होती है किन्तु दिलीप जी की की कृतियों में भाव भिन्नता है , पुस्तक का शीर्षक भी उनकी प्रसिद्ध कृति “अंधेरे मे” से मिलता हुआ होने से कुछ भ्रमित कर गया तथापि इतनी शुद्ध हिंदी के लेखन एवं त्

Rani Roopmati Ki chai Dukan By M K Madhu

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  रानी रूपमती की चाय दुकान एम के मधु की कविताएं विधा : कविता संग्रह द्वारा : एम . के . मधु     न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित प्रथम संस्करण वर्ष 2023 मूल्य : 225.00 समीक्षा क्रमांक : 144    एम के मधु, विख्यात वरिष्ठ साहित्यकार जिनके स्वयं के लेखन एवं प्रकाशित रचनाओं की लंबी फेहरिस्त है वहीं विभिन्न संस्थानों एवं मंचों से संबद्ध रहते हुए साहित्य जगत को अमूल्य   योगदान उन्होंने दिया है। मूलतः पत्रकारिता को अपना पेशा बनाने की चाहत से संबंधित शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात प्रख्यात   समाचार पत्रों हेतु पत्रकारिता करते हुए विभिन्न स्तरीय पत्रिकाओं में कविताएं एवं लेख प्रकाशित होते रहे और कालांतर में संपादन का कार्य भी अंजाम दिया। “रानी रूपमती की चाय   दुकान” मेरे लिए उनकी पहली कृति है। आम लीक से थोड़ा हटकर हैं उनकी रचनाएं। तुकांत मिलाना अथवा विशेषण आदि का प्रयोग नहीं दिखता। सहज भाव की अभिव्यक्ति है किंतु भावार्थ गूढ़ है। सामान्य प्रतीत होती रचना भी पुनः पढ़ने पर अन्य भाव दर्शाती है। उनकी कविता के पीछे गंभीर विचारण स्पष्ट दिखता है साथ ही यह भी की वे जो कहना चाह रहे है